
वाराणसी में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बड़े पैमाने पर नकली वैक्सीन और नकली कोविड टेस्टिंग किट बरामद किया है. एसटीएफ ने पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया है. पुलिस के मुताबिक, आरोपी नकली वैक्सीन और टेस्टिंग किट की सप्लाई कई प्रदेशों में करते थे. बरामद नकली वैक्सीन और कोविड टेस्टिंग किट की कीमत करीब 4 करोड़ रुपये है.
एसटीएफ के मुताबिक, 2 फरवरी को नकली कोविशील्ड और zycov d वैक्सीन के साथ ही नकली कोविड टेस्टिंग किट बड़े पैमाने पर बनाए जाने का इनपुट मिला था. इसके बाद पुलिस ने राकेश थवानी, संदीप शर्मा, लक्ष्य जावा, शमशेर और अरुणेश विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर लिया है.
आरोपियों के पास से नकली टेस्टिंग किट, नकली वैक्सीन, नकली जाइकोव डी वैक्सीन, पैकिंग मशीन, खाली वायल, स्वाब स्टिक बरामद किया गया. पूछताछ पर राकेश थवानी ने बताया कि वह संदीप शर्मा, अरुणेश विश्वकर्मा व शमशेर के साथ मिलकर नकली वैक्सीन व टेस्टिंग किट बनाता था और अलग-अलग राज्यों में सप्लाई करता था.
पुलिस का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ कर उनके गिरोह के बारे में जानकारी एकत्र करते हुए अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है. बरामद दवाओं की बाजार मूल्य के अनुसार अनुमानित कीमत लगभग 4 करोड़ रुपए है.
वाराणसी मंडल के सहायक आयुक्त औषधि कृष्ण गोपाल गुप्ता ने बताया कि इस मामले को लेकर IB और STF काफी दिन से सक्रिय थें. बीती रात सही जानकारी हुई. जिसके बाद रात के वक्त ही छापा डाला गया. जिसके बाद 1550 नकली रेमडेसिवीर के इंजेक्शन मिले है, जिसमें केवल ग्लूकोज का पाउडर भरा जाता था, इसके अलावा कोवीशिल्ड की लेवल लगी हुई 720 नकली वैक्सीन मिली है. एक हजार शीशियां बगैर लेवल की भरी हुई मिली है. इसके अलावा लाखों की संख्या में अर्धनिर्मित हालत में नकली वैक्सीन तैयार की जा सकती थी. इसके अलावा नकली एंटीजन किट भी 432 बाॅक्स मिले है और एक बाॅक्स में 25 किट होती है.
उन्होंने बताया कि बाॅक्स की कीमत 37500 रुपए है. इसके अलावा कैडिला के द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन भी 880 वायल मिली है जो अभी सप्लाई भी नहीं हुए है और केवल अंडर ट्रायल ही है. फिलहाल इस मामले में ड्रग और कास्मेटिक एक्ट के तहत भी मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा. उन्होंने मास्टर माइंड के सवाल पर बताया कि वाराणसी के संदीप शर्मा और राकेश थवानी ही इस पूरे मामले में मास्टरमाइंड हैं.