पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 10 और एफआईआर दर्ज की हैं. सीबीआई ने अब तक कुल 21 मामले दर्ज किए हैं. साथ ही जांच एजेंसी ने 2 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी शुरू कर दी है.
इससे पहले बंगाल में चुनाव के बाद भड़की हिंसा के मामले में सीबीआई ने कल शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट (Culcutta High Court) के आदेश पर अलग-अलग कुल 11 केस दर्ज किए थे. हाईकोर्ट ने 18 अगस्त को जांच के लिए आदेश दिया था, जिसके बाद अलग-अलग मामलों में सीबीआई लगातार प्राथमिकी दर्ज कर रही है.
सीबीआई ने कल शुक्रवार को बंगाल हिंसा पर जांच की कमान खुद संभाल ली है. इससे पहले राज्य के कई पुलिस स्टेशन में कई आरोपों के तहत केस दर्ज कराए गए थे. अब उन सभी मामलों की पड़ताल सीबीआई की टीम करेगी.
3 मई को पहली प्राथमिकी
बंगाल के नदिया जिले के गंगानगर पुलिस स्टेशन में 3 मई को पहली प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिसमें 12 नामजद आरोपी और एक अन्य शख्स ने पीड़ितों पर लाठी-डंडों से हमला किया था. हिंसा का दूसरा केस बांकुरा जिले के कोतुलपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 3 लोगों ने एक शख्स का पहले अपहरण किया, फिर मारकर उसकी लाश को एक तालाब के किनारे फेंक दिया.
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यह केस 4 जुलाई को रजिस्टर किया गया. जबकि शख्स का अपहरण 6 मई को कर लिया गया था और 8 मई को उसकी लाश मिली थी.
हिंसा के दौरान तीसरा मामला भी नदिया जिले से ही था, जिसमें 8 आरोपियों ने 3 लोगों की लोहे के छड़ों से बुरी तरह पीटाई की थी. इस प्रकरण में केस 14 मई को दर्ज किया गया था. बांकुरा जिले के सिंधु पुलिस स्टेशन में 30 आरोपियों के खिलाफ 10 जून केस दर्ज किया गया था.
आरोप था आरोपियों ने नात्रा गांव में पीड़ितों के घर पर लोहे की रॉड, चाकू, कटार, पिस्टल और बम से हमला किया, जबकि महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया गया. एक शख्स को पिकअप बैन में डालकर मौके से दूर ले गए और उसे मारकर एक पेड़ पर लटका दिया. ऐसे ही कुल 11 मामले सीबीआई ने दर्ज किए हैं.
पीड़ितों का बयान भी दर्ज करेगी सीबीआई
हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने चुनाव बाद हुई हिंसा के पीड़ितों के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज करना शुरू कर दिया है. अधिकारी फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ घटनास्थल पर जाने की तैयारी में हैं. सीबीआई ने बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच के लिए विशेष टीमों का गठन किया है.
कोलकाता हाईकोर्ट ने राज्य विधानसभा चुनावों के बाद कथित रूप से पश्चिम बंगाल में हुए रेप और हत्या के सभी मामलों में सीबीआई से जांच का आदेश दिया था. जांच टीमों का नेतृत्व संयुक्त निदेशक स्तर के वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं. इस टीम में उप महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और तीन पुलिस अधीक्षक शामिल भी हैं.
विशेष टीम के 25 अधिकारियों को कथित रेप और हत्या के मामलों की जांच के लिए चार टीमों में बांटा गया है, जिसकी निगरानी कोर्ट कर रहा है. अन्य मामलों के लिए कोर्ट ने स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम (एसआईटी) को जांच का आदेश दिया है.