
हत्या, रंगदारी, लूटपाट और आखिरकार अंडरवर्ल्ड में बड़े मुकाम की चाह. महज 17 साल की उम्र में क्राइम की अंधी दुनिया में एंट्री करने वाला अमन साहू सचमुच में 'अमन का लुटेरा' रहा. कुछ ही दिन पहले जब झारखंड के हजारीबाग में सरकारी कंपनी NTPC के एक बड़े अफसर DGM कुमार गौरव की दिन दहाड़े हत्या हो गई तो रांची से दिल्ली तक सनसनी मच गई. ये झारखंड सरकार के इकबाल पर प्रश्न चिह्न था.
झारखंड पुलिस के पास इस हत्या की वजहों का न तब कोई जवाब था, न आज है. डीजीपी अनुराग गुप्ता ने NTPC ऑफिसर कुमार गौरव की हत्या पर कहा था कि इस मामले में कुछ स्पष्ट नहीं है. ये हत्या किन परिस्थितियों में हुई, किसने की, क्यों की, डीजीपी इनका कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके.
राज्य के पुलिस मुखिया ने इतना जरूर कहा कि झारखंड में जो भी अपराध रहे हैं उनकी साजिश झारखंड के जेलों में रची जा रही है. उन्होंने कहा कि झारखंड में तीन गैंग जेल के अंदर से काम कर रहे हैं. ये गैंग हैं विकास तिवारी, अमन श्रीवास्तव और अमन साहू.
कल DGP का बयान, आज एनकाउंटर
10 मार्च को डीजीपी का ये बयान आया. और झारखंड पुलिस उसी दिन NTPC DGM कुमार गौरव की हत्या के मामले में पूछताछ करने रायपुर पहुंच गई. अमन साहू छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के ही एक जेल में बंद था. गौरतलब है कि झारखंड और छत्तीसगढ़ पड़ोसी राज्य हैं.
फिर 11 मार्च को खबर आई कि झारखंड पुलिस के जवान से इंसास रायफल छीनकर भागने की कोशिश कर रहा अमन साहू पुलिस की जवाबी फायरिंग में मारा गया.
पलामू के एसपी रेशमा रमेशन ने बताया कि झारखंड पुलिस की STF NTPC DGM के मर्डर के मामले में पूछताछ करने के लिए अमन साहू को छत्तीसगढ़ से झारखंड लेकर आ रही थी तभी झारखंड की सीमा में पलामू जिले में चैनपुर के नजदीक अपराधी अमन साहू STF के जवान से इंसास राइफल छीन कर और भागने लगा. इस दौरान अमन साहू ने जवान पर गोली चला दी. इस हमले में जवान घायल हो गया. घटना के तुरंत बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमन साहू पर जवाबी फायरिंग की. इस घटना में अमन साहू की मौत हो गई.
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया और मामले की जांच शुरू कर दी है. सुरक्षा एजेंसियां भी घटना से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच कर रही हैं.
इस मामले में राकेश कुमार नाम का एक हवलदार घायल हुआ है. घायल हवलदार को मेदिनीनगर के MMCH में भर्ती कराया गया. पुलिस ने घटनास्थल से दो बम भी बरामद किए हैं.
अमन साहू का अंत तो हो गया. लेकिन उसकी आपराधिक साम्राज्य से जुड़े कई सवालों के जवाब आज भी मिलने बाकी है. मसलन NTPC DGM की हत्या किसने और क्यों की. कोयलांचल में रंगदारी के रैकेट का माफिया कौन है? अमन साहू का साम्राज्य पनपा कैसे?
अमन साहू का क्राइम चैप्टर
अंडरवर्ल्ड सरगना लॉरेंस बिश्नोई से नजदीकियां रखने वाले अमन साहू ने मात्र 17 साल की उम्र में ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था. वह रांची के छोटे से गांव मतबे का रहने वाला है. झारखंड में उसके खिलाफ 100 से अधिक मामले दर्ज हैं. अमन पहले एक हार्डकोर माओवादी था, और बताया जाता है कि उसने 2013 में अपना खुद का गैंग बनाया था. अमन पर कोयला व्यापारियों से रंगदारी, लेवी , वसूली, हत्या जैसे मामले दर्ज हैं.
करीब ढाई साल पहले छत्तीसगढ़ के कोरबा में अमन साहू के गैंग के सदस्यों ने बरबरीक ग्रुप पर फायरिंग की थी. उस समय रायपुर के शंकर नगर इलाके में एक कंपनी के पार्टनर के घर के बाहर गोली चलाकर इन लोगों ने सनसनी मचा दी थी. आरोप है कि अमन साहू ने अपने कुछ शूटर रायपुर भेजे थे, और उसकी हिट लिस्ट में शहर के कई व्यापारियों के नाम शामिल थे. इस घटना के बाद रायपुर पुलिस ने इस गैंग के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया था.
लॉरेंस बिश्नोई गैंग अमन का कनेक्शन
17 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में आने वाला अमन साहू 30 साल का होते होते पूर्वी भारत का एक बड़ा गुंडा बन चुका था. गृह मंत्रालय के अनुसार उसने हायर सेकेंडरी तक पढ़ाई की है.
कनाडा-मलेशिया से ऑपरेट होता था फेसबुक
बताया जाता है कि अमन साहू का फेसबुक अकाउंट ‘अमन सिंह’ नाम का व्यक्ति कनाडा से ऑपरेट करता है, जबकि एक अन्य अकाउंट ‘सुनील राणा’ नाम का व्यक्ति मलेशिया से देखता है, अमन खुद को कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का करीबी बताता है. कहा जाता है कि वह बिश्नोई को गुर्गे सप्लाई करता था और बदले में हाईटेक हथियार प्राप्त करता था. अमन साहू की AK-47 के साथ तस्वीरें वायरल हुई थी. अमन को महंगे कपड़ों का भी शौक है.
दिल्ली में भी दर्ज हैं 2 केस
गैंगस्टर अमन साहू के खिलाफ दिल्ली में भी 2 मामले दर्ज हैं. बिश्नोई गैंग से गठजोड़ के बाद दिल्ली के मालवीय नगर में रंगदारी के लिए धमकी भरा कॉल किया था. माना जाता है कि लॉरेंस की तरह अमन ने भी अपने शूटरों को विदेश में सेटल किया हुआ है.
एनआईए कर चुकी है छापेमारी
गौरतलब है कि अमन साहू पर इसी साल जनवरी में एनआईए ने टेरर फंडिंग मामले में रांची और हजारीबाग जिले के तीन ठिकानों पर करीब छह घंटे तक छापेमारी की थी. इस दौरान एक एसयूवी, सीसीटीवी का डीवीआर और बैंक ट्रांजैक्शन से जुड़े कागजात जब्त किए गए थे. उस समय अमन साहू पलामू जेल में बंद था , लेकिन उसका टेरर नेटवर्क झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में बेखौफ तरीके से संचालित हो रहा था.
हाल के महीनों में उसके गैंग से जुड़े कई अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ATS की जांच के दौरान ये भी ये बात सामने आ चुकी है कि उसके संबंध कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से हैं.
चुनाव लड़ना चाहता था
जब झारखंड में विधानसभा चुनाव हो रहे थे तो अमन साहू का मन विधायक बनने के लिए भी ललचाया था. अमन साहू की मां किरण देवी ने झारखंड बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र के लिए नामांकन प्रपत्र खरीदा था. लेकिन छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी थी.