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नौकरी की आस में मिर्जापुर से आगरा आई विधवा महिला, हुई गैंगरेप की शिकार

आगरा में मिर्जापुर की रहने वाली विधवा महिला से गैंगरेप हुआ. आरोपियों ने उसका चार साल का बेटा भी छीन लिया. गैंगरेप करने के बाद गंभीर हालत में सभी उस आगरा के जंगल में फेंककर आरोपी फरार हो गए. इसके बाद पीड़िता ने मिर्जापुर पहुंच कर थाने में एक महिला और तीन पुरुषों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

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सांकेतिक तस्वीर.
सांकेतिक तस्वीर.

यूपी (Uttar Pradesh) के मिर्जापुर (Mirzapur) की रहने वाली महिला के पति की दो साल पहले मौत हो गई थी. पति के जाने के बाद परिवार में वह और उसका चार साल के बेटा है. महिला मजदूरी करके अपना और अपने बेटे का पेट पाल रही थी. इसी दौरान उसकी मुलाकात एक महिला से हुई, जिसने आगरा में नौकरी दिलवाने का झांसा दिया. 

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वह उस महिला और कुछ अन्य लोगों के साथ आगरा आ गई. साथ में अपने बेटे को भी ले आई. मगर, उसे पता चला कि वे सभी उसे बेचने की तैयारी कर रहे हैं. महिला के विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की गई. उन लोगों ने उसके बच्चे को भी छीन लिया और तीन लोगों ने महिला के साथ रेप किया. 

बाद में आगरा के जंगल में महिला को फेंककर उसका बच्चा लेकर सभी फरार हो गए. फिर किसी तरह महिला मिर्जापुर पहुंची और थाने जाकर घटना के बारे में रिपोर्ट दर्ज कराई. 

एक महिला और तीन पुरुष के नाम एफआईआर कराई दर्ज

पीड़ित महिला ने अपनी शिकायत में ऊषा गोंड, रामबाबू सोनकर, इशू सोनकर और मोनू के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है. ऊषा ही उसे नौकरी दिलाने के नाम पर आगरा लेकर गई थी. रामबाबू सोनकर, इशू सोनकर और मोनू तीनों ऊषा को जानते थे. ये सभी मिलकर पीड़ित महिला को 3 लाख रुपए में बेचने की तैयारी कर रहे थे.

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यह है मिर्जापुर पुलिस का कहना

मिर्जापुर नक्सल के अपर पुलिस अधीक्षक महेश अत्रि का कहना है कि दो जनवरी को पीड़ित महिला ने उसके साथ आगरा में हुई घटना के बारे में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. चार लोगों के नाम लिखाए हैं. साथ ही कहा है कि उसका बच्चा इन लोगों के पास है.

मिर्जापुर पुलिस मामले की जांच कर रही है. पीड़ित महिला का मेडिकल कराया गया है. पुलिस की एक टीम को आगरा भेजा गया है. कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर उनसे भी पूछताछ की जा रही है.

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