उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रविवार को एक महिला और उसकी 10 वर्षीय बेटी की उनके घर के अंदर गांव के कुछ लोगों ने बेरहमी से हत्या कर दी. महिला की 18 वर्षीय बेटी खुशबू, जो अलग कमरे में सो रही थी, उसने खुद को बचाने के लिए अंदर बंद कर लिया था. इसलिए उसकी जान बच गई. उसने हमलावरों की आवाज की पहचान कर ली है. उसकी शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. उनकी तलाश की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, यह घटना शनिवार देर रात शिवपुर चकदाहा गांव में हुई है. आरोपियों की पहचान संजय, उसके पिता और उसी गांव में रहने वाले अन्य लोगों के रूप में हुई है. पूनम निषाद (40) और उनकी छोटी बेटी अनुष्का अपने घर में सो रही थी. उसी वक्त आरोपी धारदार हथियारों से लैस होकर घर के अंदर घुस गए. उन्होंने बेरहमी से मां-बेटी को मौत के घाट उतार दिया. इसी दौरान दूसरे कमरे में सो रही खुशबू ने उनकी आवाज से पहचान कर ली.
उसने चिल्लाते हुए लोगों से मदद मांगी और हमलावरों को डराने के लिए कहा कि पुलिस आ रही है. इस वजह से वे मौके से फरार हो गए. खुशबू ने दावा किया कि संजय के पिता ने बदमाशों को उसे भी मारने का निर्देश दिया था, लेकिन जब उसने उन्हें बताया कि उसने पुलिस को फोन किया है, तो वे भाग गए. खुशबू हमलावरों के मौके चले जाने के बाद अपने कमरे से बाहर निकली. उसने अपनी मां और बहन को खून से लथपथ देखकर रोना शुरू कर दिया.
उसकी रोने-चिल्लाने का आवाज सुनकर पड़ोसी एकत्र हुए. आनन-फानन में पूनम और अनुष्का को अस्पताल ले जाया गया. पुलिस ने बताया कि पूनम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अनुष्का ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. एसपी (उत्तर) जितेंद्र श्रीवास्तव ने कहा, "फोरेंसिक टीमों ने साक्ष्य जुटाए हैं. संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. हम घटनाओं के क्रम को स्थापित करने के लिए कॉल रिकॉर्ड और सीसीटीवी का विश्लेषण कर रहे हैं.
पुलिस ने पूनम और उसकी बेटी की शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. बताया जा रहा है कि पूनम के पति की कुछ साल पहले मौत हो गई थी. वो अपने दोनों बेटियों के साथ रहती थी. इस वारदात ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसकी निंदी की है. उन्होंने एक्स पर लिखा है कि गोरखपुर में मां-बेटी की हत्या ने साबित कर दिया है कि भाजपा राज में अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.