scorecardresearch
 

MP: बुजुर्ग को पार्क में मिलने बुलाती थी लड़की, लड़का बनाता था VIDEO और फिर...

टीआई तहजीब काजी ने आजतक से बात करते हुए बताया कि 65 साल के एक बुजुर्ग एलआईसी एजेंट और उनके बेटे ने पुलिस थाने आकर शिकायत की थी कि एक युवक और एक युवती ने क्राइम ब्रांच अफसर बताकर उनसे 2 लाख रुपए ऐंठ लिए हैं.

Advertisement
X
दोनों आरोपी गिरफ्तार
दोनों आरोपी गिरफ्तार
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पार्क में मिलने के लिए बुलाती थी युवती
  • वीडियो बना युवक करता था ब्लैकमेल
  • फिर बुजुर्ग से एंठते थे रुपये, गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के इंदौर में पुलिस ने एक ऐसे युवक-युवती को गिरफ्तार किया है, जो शहर के बुजुर्गों और उम्रदराज मर्दों को फंसा कर उनसे मोटी रकम एंठते थे. एक बुजुर्ग की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इस जालसाज गैंग का पर्दाफाश किया है. 

Advertisement

टीआई तहजीब काजी ने आजतक से बात करते हुए बताया कि 65 साल के एक बुजुर्ग एलआईसी एजेंट और उनके बेटे ने पुलिस थाने आकर शिकायत की थी कि एक युवक और एक युवती ने क्राइम ब्रांच अफसर बताकर उनसे 2 लाख रुपए ऐंठ लिए हैं. शिकायत के साथ ही उन्होने एक फोन नंबर भी उपलब्ध करवाया जिसके आधार पर एक युवती और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ के दौरान दोनों ने बताया कि जल्दी अमीर बनने की चाहत में उन्होने ठगी का या काम शुरु किया था. 

उन्होने बताया कि 65 साल के एलआईसी एजेंट को लड़की ने पहले इंश्योरेंस करवाने के बहाने से फोन किया. उसके बाद बुजुर्ग से फोन पर बातचीत बढ़ाई और पिछले महीने इंदौर के मेघदूत गार्डन में मिलने बुलाया. जब बुजुर्ग वहां लड़की से मिलने पहुंचे तो युवती के साथी गैंग के एक-दूसरे लड़के ने दोनों का वीडियो बना लिया और थोड़ी देर बाद बुजुर्ग और युवती के पास आकर खुद को क्राइम ब्रांच अधिकारी बताया और मोबाइल में बनाया हुआ वीडियो दिखाया और इसे वायरल करने की धमकी देकर 2 लाख रुपए ऐंठ लिए. बाद में इसकी शिकायत पीड़ित बुजुर्ग ने पुलिस थाने में जाकर की. 

Advertisement

ऐसे बनाते थे शिकार 

पूछताछ में युवक-युवती ने बताया कि वो सिर्फ ऐसे लोगों को शिकार बनाते थे जो या तो उम्रदराज हों या फिर हाल ही में रिटारमेंट लिया हो. सोशल मीडिया के जरिए युवती पहले बात शुरू करती और फिर फोन नंबर लेकर बातचीत को आगे बढ़ाती थी. इसके बाद वो शिकार को घूमाने के बहाने पार्क या सुनसान जगह पर ले जाती जहां उसके साथी पहले तो वीडियो बनाते थे और फिर क्राइम ब्रांच का अफसर बताकर धमकी देते थे और मामले को रफा-दफा करने के लिए पैसे की मांग करते थे.

इस उम्र के लोगों को शिकार बनाने के पीछे इनका मकसद यही था कि बदनामी के डर से ऐसे लोग उनके साथ हुई घटना का जिक्र किसी से नहीं करते और आसान शिकार होते हैं. अब पुलिस दोनों से पूछताछ कर पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इनकी गैंग में और कौन-कौन शामिल है और इन्होंने अबतक ऐसे कितने लोगों को ठगा है. 

 

Advertisement
Advertisement