आईटी सिटी पुणे के हिंजवाड़ी इलाके में मौजूद एक होटल. गुरुवार, 25 जनवरी की शाम को इस होटल में एक नौजवान अपने लिए एक कमरा बुक करवाता है. कमरा नंबर 306. अगले दिन यानी 26 जनवरी को एक लड़की उससे मिलने आती है. दोनों कुछ देर तक होटल के कमरे में रुकते हैं और फिर बाहर निकल जाते हैं. कुछ इसी तरह 26 जनवरी का दिन ठीक-ठाक गुजर जाता है. 27 जनवरी की शाम को फिर से वही लड़की होटल में उसी लड़के से मिलने पहुंचती है. लेकिन इसके बाद जो कुछ होता है, वो दहलाने वाला है. जैसे ही रात के करीब 9.30 बजते हैं, होटल के कमरे के अंदर एक के बाद एक पांच गोलियां चलती हैं. बंद कमरे में उस लड़की का कत्ल हो जाता है.
यहां सबसे चौंकानी वाली बात ये है कि एक होटल में लड़की का कत्ल हो जाता है, लेकिन वहां के किसी स्टाफ को भनक तक नहीं लगती. होटल के कमरे में गोली चलती है, लेकिन किसी आवाज तक नहीं सुनाई देती. वो तो जब इस जगह से तकरीबन 100 किलोमीटर दूर नवी मुंबई के वाशी की पुलिस कातिल को गिरफ्तार कर लेती है और जब इस वारदात के बारे में पुणे के हिंजवाड़ी पुलिस स्टेशन को जानकारी देती है, तब जाकर ये राज खुलता है कि हिंजवाड़ी के होटल में एक लड़की की हत्या की जा चुकी है. यानी देखा जाए, तो ये कत्ल का एक ऐसा अजीब और हैरान करने वाला मामला है, जिसमें वारदात के बाद कातिल की गिरफ्तारी पहले होती है और कत्ल का खुलासा बाद में.
असल में महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से मराठा आरक्षण की मांग पर आंदोलन जारी था. इत्तेफाक से कुछ समय पहले ही ये आंदोलन खत्म हुआ था और पूरे महाराष्ट्र के साथ-साथ हिंजवाड़ी इलाके में भी लोग रह-रह कर आतिशबाजी कर रहे थे. ऐसे में बहुत मुमकिन है कि होटल के कमरे में हुई फायरिंग की आवाज भी आतिशबाजी के शोर में गुम हो गई और किसी को कानों-कान इस वारदात की खबर नहीं मिली. कातिल वारदात को अंजाम देकर आराम से होटल से बाहर निकल गया. लेकिन इसे पुलिस के सूचना तंत्र का कमाल ही कहेंगे कि कातिल ने बेशक बंद कमरे में कत्ल की वारदात को अंजाम दिया और चुपचाप होटल से बाहर निकल गया, लेकिन पुलिस के मुखबिरों ने कमाल कर दिया.
इंफोसिस जैसे बड़ी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी मृतक वंदना
अपनी गर्लफ्रेंड का कत्ल करने के बाद आरोपी जैसे ही नवी मुंबई वाशी इलाके में पहुंचा, क्राइम ब्रांच को उसके बारे में खबर मिल गई. पुलिस ने रविवार की सुबह तकरबीन साढे चार से पांच बजे के दरम्यान उसे धर धबोचा. इसी के साथ-साथ ना सिर्फ कातिल और मकतूल की पहचान हो जाती है, बल्कि अगले चंद घंटों में वाशी पुलिस के बताने पर पुणे की हिंजवाड़ी पुलिस होटल के कमरे से लड़की की लाश भी बरामद कर लेती है. पुलिस की मानें तो होटल में मारी गई लड़की और आरोपी दोनों ही लखनऊ के रहने वाले हैं. 26 साल की वंदना द्विवेदी पिछले दो सालों से पुणे में रह रही थी. वो इंफोसिस जैसे बड़ी कंपनी में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम कर रही थी.
लखनऊ में प्रॉपर्टी डीलर का काम करता है हत्यारोपी ऋषभ निगम
कत्ल के आरोप में गिरफ्तार 30 का ऋषभ निगम लखनऊ में ही एक प्रॉपर्टी डीलर है. अब तक छानबीन में साफ हुआ है कि दोनों एक दूसरे को पिछले 10 सालों से जानत थे. दोनों एक-दूसरे के साथ रिलेशनशिप में थे. लेकिन हाल के दिनों में ऋषभ वंदना पर शक करने लगा था. उसे लगता था कि उसके पीठ पीछे वंदना किसी और के करीब आ चुकी है. 27 जनवरी की शाम को भी होटल के कमरे में इसी बात को लेकर पहले दोनों की कहासुनी हुई. इसके बाद गुस्से में आकर ऋषभ ने अपनी ही गर्लफ्रेंड वंदना को गोलियों से छलनी कर दिया. उसने वंदना को एक-एक कर पांच गोलियां मारीं, जो उसके सिर, गर्दन, सीने और जिस्म के दूसरे हिस्सों में लगीं. लेकिन किसी को वारदात का पता नहीं चला.
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होटल के अंदर वारदात को अंजाम देने के बाद फरार हुआ बॉयफ्रेंड
होटल के अंदर वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी ऋषभ निगम बड़े आराम से मौके से फरार हो गया. वो तो जब नवी मुंबई की वाशी पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर ऋषभ को पकड़ा और उससे पूछताछ की, तो ना सिर्फ कत्ल का खुलासा हुआ, बल्कि ये भी पता चला कि हिंजवाड़ के होटल के कमरा नंबर 306 में अब भी उसकी गर्लफ्रेंड वंदना की लाश पड़ी है. वाशी पुलिस की मानें तो इस वारदात को अंजाम देने के बाद उसकी दिमागी हालत ऐसी थी कि वो होटल का नाम तक भूल गया था. उसे बस इतना याद था कि उसने अपनी गर्लफ्रेंड की हत्या की है. ऐसे में वाशी पुलिस ने गूगल से लक्ष्मी चौक के आस-पास मौजूद तमाम होटलों की तस्वीरें निकालीं. उन्हें एक-एक कर उसको दिखाया.
हत्यारोपी की निशानदेही पर होटल से बरामद हुआ गर्लफ्रेंड का शव
पहले कुछ तस्वीरों पर तो ऋषभ खामोश रहा, लेकिन इसके बाद जब उसकी आंखों के सामने होटल टाउनहाउस की तस्वीरें आई, उसने देखते ही पहचान लिया कि यही वो होटल है, जिसमें उसने लड़की की हत्या की है. इसके बाद वाशी पुलिस ने पुणे पुलिस को इसकी जानकारी दी. इसके बाद अगले दिन यानी 28 जनवरी की सुबह 9 बजे पुलिस ने ऋषभ की निशानदेही पर होटल के कमरे से वंदना की लाश बरामद कर ली. पुलिस ने होटलकर्मियों की मदद से डुप्लीकेट की का इस्तेमाल कर कमरे का दरवाजा खोला, जहां फर्श पर लड़की की खून से सनी लाश पड़ी थी. चूंकि तब तक कत्ल की वारदात को कई घंटों का वक्त गुजर चुका था, वंदना की लाश पर रायगर मोर्टिस के निशान यानी अकड़न दिखाई देने लगी थी.
शुरू में तो लाश को देख कर ये अंदाजा लगाना मुश्किल था कि उसे ठीक कितनी गोलियां मारी गईं, लेकिन जब डॉक्टरों ने उसका पोस्टमार्टम किया, तो पता चला कि कातिल ने उसे पांच गोलियां मारी थीं. इधर, पुलिस की जांच में ये साफ है कि कत्ल के आरोप में गिरफ्तार ऋषभ निगम लखनऊ से ही अपने साथ हथियार लेकर पुणे पहुंचा था. यानी इस वारदात की तैयारी उसने पहले ही कर रखी थी. अब उसने वो नाजायज हथियार कहां से और कैसे जुगाड़ किया, पुलिस उसकी भी जांच कर रही है. इस वारदात से लोग स्तब्ध हैं.