scorecardresearch
 

कैंप में यौन उत्पीड़न, जबरन वसूली और बेगारी... सरेंडर कर महिला नक्सली ने सुनाई खौफनाक आपबीती

ओडिशा के बौध जिले में दो महिला नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. दोनों छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने नक्सली संगठनों और उनके आकाओं पर सनसनीखेज आरोप लगाया है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में भी मंगलवार को एक लाख रुपए की इनामी महिला नक्सली ने सरेंडर किया है.

Advertisement
X
ओडिशा के बौध जिले में दो महिला नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
ओडिशा के बौध जिले में दो महिला नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

ओडिशा के बौध जिले में दो महिला नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. दोनों छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने नक्सली संगठनों और उनके नेताओं पर सनसनीखेज आरोप लगाया है. उनका कहना है कि नक्सली कैंपों में महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया जाता है. संगठन में शामिल होने वाली महिलाओं और लड़कियों के साथ नक्सली नेता कई महीनों तक शारीरिक शोषण करते हैं. उसके बाद उन्हें अन्य नक्सलियों के हवाले कर दिया जाता है. उनका शारीरिक के साथ मानसिक शोषण भी किया जाता है. विरोध करने पर उनके साथ मारपीट की जाती है. उनसे जबरन वसूली कराई जाती है. इसी से दुखी होकर उन दोनों ने आत्मसमर्पण किया है. 

Advertisement

आईजीपी (दक्षिणी रेंज) जय नारायण पंकज ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाली दोनों नक्सली प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के कंधमाल-कालाहांडी-बौध-नयागढ़ (केकेबीएन) डिवीजन से जुड़ी थी. साल 2018 में उन्हें इस संगठन में शामिल किया गया था. दोनों महिलाओं का दावा है कि उन्हें नाचने और गाने के लिए नक्सलियों ने अपने संगठन में भर्ती किया था, लेकिन वहां जाने के बाद उनका इस्तेमाल विभिन्न गतिविधियों में किया गया. इसमें यौन उत्पीड़न से लेकर जबरन वसूली तक शामिल है. दोनों सीपीआई में "निरंतर अनैतिक गतिविधियों" से निराश हो चुकी थीं. उनका आरोप है कि झूठे वादे करके लड़कों और लड़कियों को संगठन में भर्ती किया जाता है.

आईजीपी ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाली महिला नक्सलियों ने बताया कि सीनियर नक्सली नेता अपने जूनियर और नए कैडरों के साथ बहुत बुरा व्यवहार करते हैं. उनसे मजदूरों की तरह काम कराया जाता है. इसका विरोध करने वालों के साथ जानवरों की तरह सलूक किया जाता है. सीपीआई (माओवादी) का केकेबीएन डिवीजन बौध और कंधमाल जिलों में सक्रिय है, जो कि कई हिंसक घटनाओं में शामिल रहा है. जय नारायण पंकज ने बताया कि दोनों महिलाओं को राज्य में आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के लिए उपलब्ध लाभ दिए जाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने माओवादियों से हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें उचित पुनर्वास पैकेज दिया जाएगा. 

Advertisement

एक लाख रुपए की इनामी महिला नक्सली का सरेंडर

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में मंगलवार को एक लाख रुपए की इनामी महिला नक्सली ने सरेंडर किया है. पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने कहा कि कुमारी बामे मरकाम (25) ने "खोखली" और "अमानवीय" माओवादी विचारधारा से निराशा का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण कर दिया. उसके सिर पर एक लाख रुपए का इनाम था. वो प्रतिबंधित माओवादी संगठन की महानदी क्षेत्र समिति के तहत कालाहांडी, कंधमाल, बौध, नवागढ़ (केकेबीएन) डिवीजन की सक्रिय सदस्य थी. पुनर्वास नीति के अनुसार उसका पुनर्वास किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: सोशल मीडिया पर फ्रेंडशिप, गोवा में हाऊस पार्टी... पंजाब के Ex CM के भाई के मर्डर की इनसाइड स्टोरी 

crime

शहरों में अपनी जड़ें जमाने की कोशिश में नक्सली

नक्सली मुंबई और पुणे जैसे बड़े शहरों की झुग्गियों में रहने वाले गरीब तबके के युवाओं को भर्ती करके शहरों में अपनी जड़े जमाने की कोशिश में लगे हुए हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने खुलासा किया है कि नक्सली शहरी झुग्गी बस्तियों में रहने वाले निम्न आय वर्ग के युवाओं के बीच सरकार के खिलाफ असंतोष पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. आईजी संदीप पाटिल ने कहा, "नक्सलियों ने अपने दस्तावेजों में उल्लेख किया है कि उनका शहरी नेटवर्क मुंबई, नागपुर, नासिक, पुणे और गोंदिया जैसे शहरों में काफी मजबूत है."

Advertisement

झुग्गियों में रहने वाले गरीब लड़कों पर निशाना

आईजी ने कहा कि नक्सली माओवादी विचारधारा को फैलाने और अपने कार्यों में शामिल करने के लिए झुग्गियों में रहने वाले निचले तबके के युवाओं को निशाना बना रहे हैं. उन्होंने कहा, "वे उन्हें हथियार, गोला-बारूद, चिकित्सा सहायता, जंगल और शहरी इलाकों में सुरक्षित आश्रयों के निर्माण से जुड़े कार्यों में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं. वे गरीबी और घरेलू समस्याओं से जूझ रहे इन युवाओं के बीच नकारात्मक मानसिकता का फायदा उठाना चाहते हैं. वे इस भावना को सरकार के खिलाफ करना चाहते हैं."

Live TV

Advertisement
Advertisement