भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह और उनके परिवार की महिलाओं और पत्नी स्वाति सिंह के खिलाफ अभद्र तथा अपमानजनक भाषा प्रयोग के मामले में बसपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत कई नेताओं के खिलाफ मंत्री स्वाति सिंह ने अपना बयान दर्ज कराया.
योगी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह ने शनिवार को एमपी-एमएलए कोर्ट पहुंचकर नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर, मेवालाल गौतम और अन्य के खिलाफ बयान दर्ज कराया.
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन राय ने स्वाति सिंह से बचाव पक्ष की जिरह के लिए एक अक्टूबर की अगली तारीख तय की है. जबकि इस मामले में अभियोजन की तरफ से पैरवी के लिए अधिवक्ता ने वकालतनामा दाखिल किया और प्रार्थना पत्र पेश किया गया कि इस प्रकरण की वादिनी चित्रा देवी जोकि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री स्वाति सिंह की सास हैं, अस्वस्थ होने के कारण न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सकती हैं.
सास की उपस्थिति पर रोक
कोर्ट ने वकालतनामा को पत्रावली पर लेते हुए चित्रा देवी की उपस्थिति स्थगित कर दी. बीजेपी मंत्री स्वाति सिंह ने बताया कि बसपा के नसीमुद्दीन, रामअचल राजभर, मेवालाल जो बसपा कार्यकर्ताओं के धरने प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे, उसमें उन्होंने विवादित बात कही थी.
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मंत्री स्वाति सिंह ने आगे बोलते हुए कहा कि जिस बसपा पार्टी का शीर्ष नेतृत्व एक महिला करती है और कांग्रेस पार्टी का भी शीर्ष नेतृत्व एक महिला करती हो उसमें नसीमुद्दीन सिद्दीकी जैसे नेता ने ऐसा कहा. वहां ऐसे लोगों को रखा जा रहा है जो महिलाओं और बच्चियों पर ऐसा बयान देते हैं.
उत्तर प्रदेश में महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री स्वाति सिंह ने कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और मुझे न्याय मिलेगा.
'महिलाओं को सदन में अपशब्द कहे'
दरअसल, पत्रावली के अनुसार इस घटना की रिपोर्ट मंत्री स्वाति सिंह की सास चित्रा देवी ने 21 जुलाई 2016 को हजरतगंज में दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि 20 जुलाई 2016 को दोपहर राज्यसभा में बसपा सुप्रीमो मायावती ने उनकी बेटी, बहू और नाबालिग नातिन के साथ-साथ देश की महिलाओं को सदन में अपशब्द कहे.
जबकि 21 जुलाई 2016 को बसपा अध्यक्ष मायावती के बुलाने पर बसपा महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, पूर्व नेता राम अचल राजभर, मेवालाल आदि ने घटनास्थल अंबेडकर प्रतिमा पर बसपा कार्यकर्ताओं ने उनके बेटे और भाजपा उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करते हुए प्रदर्शन किया था.
पत्रावली में कहा गया था कि प्रदर्शन के दौरान दयाशंकर सिंह को फांसी देने और जान से मारने की बात कही गई थी. बसपा अध्यक्ष मायावती के कहने पर नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने दयाशंकर को फांसी देने की मांग के साथ आपत्तिजनक जातिसूचक शब्द प्रयोग किए. पुलिस ने पूर्व बसपा नेता राम अचल राजभर, मेवा लाल. नसीमुद्दीन सिद्दीकी और अन्य बसपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोर्ट में पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया था.