फोन पर फिशिंग के जरिये ठगी करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने जीजा-साली की जोड़ी का पर्दाफाश किया है. हैरानी की बात तो यह कि ठग जीजा-साली ने हाल ही में रिलीज़ हुई जामताड़ा( Jamtara) वेब सीरीज से प्रभावित होकर फोन फिशिंग का कारोबार शुरू किया और कई लोगों को चूना लगाया. हालांकि, जीजा-साली की चतुराई ज्यादा दिन नहीं चली और वो सलाखों के पीछे पहुंच गए.
गिरफ्तार किए गए आरोपी राजौरी गार्डन निवासी राजन सैनी और करोल बाग की रहने वाली प्रीति है. रिश्ते में राजन और प्रीति जीजा-साली लगते हैं. कालकाजी पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर उनसे 8 सिम कार्ड, एक सीपीयू और तीन मोबाइल जब्त किए हैं.
दरअसल, जीजा-साली ने फिशिंग के काले कारोबार की शुरुआत जामतारा( Jamtara) वेब सीरीज देखने के बाद दी. आरोपी राजन और प्रीति ने पुलिस को बताया कि उन्होंने KYC,फ्री वाउचर, गिफ्ट कार्ड और नए क्रेडिट कार्ड अप्लाई करने के नाम पर लोगों को फंसाया और उनके खातों से पैसे निकाल लिए.
पुलिस पूछताछ में आरोपी रंजन सैनी ने बताया कि मैं छठवीं क्लास तक पढ़ा हूं और मेरे पास रोजगार नहीं है. मैं जल्दी पैसे कमाना चाहता था. जब मैंने जामताड़ा वेब सीरीज देखी तो मुझे फिशिंग का ध्यान आया. मेरी साली प्रीति करोल बाग में ICICI BANK में क्रेडिट कार्ड डॉक्यूमेंट कलेक्शन का काम करती थी. मैंने उससे बात की और क्रेडिट कार्ड अप्लाई करने वाले लोगों की जानकारी इकठ्ठा की.
आरोपी रंजन सैनी ने आगे बताया कि जैसे ही कोई बैंक में क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करता था वैसे ही प्रीति मुझे उसकी जानकारी दे देती थी. साथ ही क्रेडिट कार्ड बनने के बाद वो मुझे उसकी डिलीवरी डेट भी बता देती थी.
पुलिस ने बताया कि आरोपी फीचर और बेसिक फोन ही ठगी के लिए इस्तेमाल करते थे. फर्जी आईडी कार्ड पर उन्होंने कई सिम कार्ड ले रखे थे. ठगी करने के बाद वो फोन फेंक देते थे.
पूछताछ में पुलिस को यह भी पता लगा कि आरोपी रंजन सैनी ने कुछ समय पहले कॉल सेंटर में नौकरी की थी और बैंक अधिकारी की तरह कस्टमर से डिटेल लेने की ट्रेनिंग ली थी. जिस वजह से लोग उसे असली कॉल समझकर अपना ओटीपी बता देते थे. लोगों के बैंक से पैसा निकालने के बाद आरोपी उससे सामान की या तो खरीदारी करते थे या फिर पेटीएम में ट्रांसफर करते थे.
लेकिन जीजा-साली की जोड़ी की चतुराई ज्यादा दिन नहीं चली. 23 नवंबर 2019 को एक सीनियर एसईओ एग्जीक्यूटिव ने करोल बाग के बैंक में क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया. जिस दिन उन्हें क्रेडिट कार्ड मिला उसी दिन उन्हें आशीष नाम से एक फोन आया और उन्हें क्रेडिट कार्ड की डिटेल बताते हुए CVV और OTP नंबर पूछा गया. जैसे ही उन्होंने फोन रखा उनके फोन से 41,480 रुपये डेबिट हो गए. इसके बाद उन्होंने पुलिस को शिकायत की.
जांच में पुलिस को पता लगा कि डेबिट हुई रकम पेटीएम ई वॉलेट में ट्रांसफर की गई और उससे क्रोमा गिफ्ट कार्ड खरीदकर Oneplus 7t Pro Mobile खरीदा गया. इसके बाद पुलिस ने तीनों सामानों को खरीदने की डिटेल पर गहन जांच की और उन्हें दिल्ली के जनकपुरी इलाके से खरीददारी होने का पता लगा. इसके बाद पुलिस ने छापा मारकर आरोपियों को अरेस्ट किया.