scorecardresearch
 
Advertisement
जुर्म

फांसी पर लटकने के 2 घंटे के बाद भी जिंदा था रेप और हत्या का यह दोषी

फांसी पर लटकने के 2 घंटे के बाद भी जिंदा था रेप और हत्या का यह दोषी
  • 1/8
निर्भया मामले में अपराधियों को 20 मार्च की सुबह फांसी दी जाएगी. लेकिन हमारे देश में एक ऐसा भी मामला सामने आया है जिसमें फांसी देने के 2 घंटे बाद तक अपराधी की मौत नहीं हुई थी. वह जिंदा था. जब जेल प्रशासन को कुछ समझ में नहीं आया तो उन्होंने अपनाया था हैरतअंगेज कदम. आइए जानते हैं इस अपराधी के बारे में जिसने फांसी पर लटकने के 2 घंटे बाद भी दम नहीं तोड़ा था...
फांसी पर लटकने के 2 घंटे के बाद भी जिंदा था रेप और हत्या का यह दोषी
  • 2/8
ये बात 1978 की है. दिल्ली में एक भाई-बहन का अपहरण होता है. इसके बाद बहन के साथ रेप किया जाता है. फिर दोनों भाई-बहन को मौत के घाट उतार दिया जाता है. ये अपहरण किया था रंगा-बिल्ला ने. ये उस समय के कुख्यात अपराधी थे. इस मामले की जानकारी मिलने पर खुद उस समय के प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई परेशान हो गए थे.
फांसी पर लटकने के 2 घंटे के बाद भी जिंदा था रेप और हत्या का यह दोषी
  • 3/8
रंगा और बिल्ला ने 1978 में नौसेना के अधिकारी मदन चोपड़ा के बच्चे गीता और संजय चोपड़ा का अपहरण किया था. बाद में इन दोनों भाई-बहन की हत्या कर दी थी. रंगा का असली नाम कुलजीत सिंह और बिल्ला का असली नाम जसबीर सिंह था. जिस समय रंगा और बिल्ला ने गीता और संजय को मारा था, उस समय उनकी उम्र बेहद कम थी. गीता साढ़े 16 साल की थी और संजय की उम्र 14 वर्ष थी.
Advertisement
फांसी पर लटकने के 2 घंटे के बाद भी जिंदा था रेप और हत्या का यह दोषी
  • 4/8
रंगा और बिल्ला ने नेवी अधिकारी मदन मोहन चोपड़ा के दोनों बच्चों गीता और संजय चोपड़ा को 26 अगस्त 1978 को फिरौती के लिए अपहरण किया था, लेकिन जब रंगा और बिल्ला को पता चला कि बच्चों के पिता नेवी के अधिकारी हैं तो दोनों बच्चों की हत्या कर दी गई. (फोटो में मदन चोपड़ा और उनकी पत्नी)
फांसी पर लटकने के 2 घंटे के बाद भी जिंदा था रेप और हत्या का यह दोषी
  • 5/8
ये बात है करीब 37 साल पहले की यानी 31 जनवरी 1982 की. जब रंगा यानी कुलजीत सिंह और बिल्ला यानी जसबीर सिंह को फांसी दी जा रही थी. इसमें से एक अपराधी तो फांसी के बाद मर गया लेकिन दूसरा दो घंटे बाद भी जिंदा था. उसकी नाड़ी चल रही थी. (फोटो में बाएं रंगा, दाएं बिल्ला)
फांसी पर लटकने के 2 घंटे के बाद भी जिंदा था रेप और हत्या का यह दोषी
  • 6/8
मेडिकल साइंस की बात मानें तो ऐसा तब हो सकता है जब आदमी के शरीर का वजन कम हो. या वो सांस रोकने में सक्षम हो. तिहाड़ जेल के पूर्व प्रवक्ता सुनील गुप्ता ने अपनी किताब ब्लैक वारंट में इस किस्से का जिक्र किया है.
फांसी पर लटकने के 2 घंटे के बाद भी जिंदा था रेप और हत्या का यह दोषी
  • 7/8
फांसी वाले दिन रंगा नहाया था. लेकिन बिल्ला नहीं. तत्कालीन जेल सुपरिटेंडेंट आर्यभूषण शुक्ल ने रुमाल गिराकर फांसी के लीवर को खींचने का इशारा किया. 2 घंटे बाद डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला कि बिल्ला मर गया है. लेकिन रंगा की नाड़ी चल रही है.
फांसी पर लटकने के 2 घंटे के बाद भी जिंदा था रेप और हत्या का यह दोषी
  • 8/8
जेल के डॉक्टरों ने जब रंगा की नाड़ी चलती देखी तो फिर जेल प्रशासन के किसी को फांसी के तख्ते के नीचे भेजकर रंगा के पैरों को दोबारा खींचने का आदेश दिया. रंगा के पैरों को खींचा गया. तब जाकर उसकी मौत हुई. (फोटो में रंगा को गिरफ्तार कर ले जाते पुलिसकर्मी)
Advertisement
Advertisement