फांसी घर में फांसी के समय उपस्थित रहने वालों की संख्या पर पवन बोले, "फांसी देते समय 4-5 सिपाही होते हैं, वह कैदी को फांसी के तख्ते पर खड़ा करते हैं. वह कुछ भी बोलते नहीं हैं, केवल इशारों से काम होता है. इसके लिए एक दिन पहले हम सबके जेल अधीक्षक के साथ एक मीटिंग हो जाती है. इसके अलावा फांसी घर में जेल अधीक्षक, डिप्टी जेलर और डॉक्टर ही वहां मौजूद रहते हैं. "
फांसी देते समय वहां मौजूद लोग कुछ भी बोलते नहीं हैं, सिर्फ इशारों से काम होता है. इसकी वजह बताते हुए पवन कहते हैं, "इसकी वजह है कि कैदी कहीं डिस्टर्ब न हो जाए, या फिर वह कोई ड्रामा न कर दे. सभी को सभी कुछ पता होता है लेकिन कोई भी कुछ बोलता नहीं है."