वहीं, एक और फांसी के किस्से पर बात करते हुए पवन बोले, " एक कैदी था आगरा का जुम्मन...जैसे ही वह फांसी गेट के अंदर पहुंचा, वह बोला कि मुझे छोड़ दो, मैं अपने आप चलूंगा. उसके बाद वह अकेला फांसी के फंदे के नीचे पहुंचा और तख्ते पर खड़ा हो गया. फिर मैंने उसके पैर बांधे, टोपा डाला और इशारा मिलते ही फांसी पर चढ़ा दिया."