ऐसे होती है फांसी:फांसी देने में 10 से 15 मिनट लगते हैं.
इसकी पूरी प्रक्रिया पवन ने बताते हुए कहा था कि कैदी के हाथ तो बंधे होते
हैं, फिर उसके पैर बांधे जाते हैं, सिर पर टोपा डाल दिया जाता है और
फिर फांसी का फंदा कसना होता है. पैर को बांधना और सिर पर टोपा डालने का
काम हमेशा साइड से किया जाता है क्योंकि यह डर रहता है कि मरने से पहले
कैदी कहीं फांसी देने वाले को पैरों से घायल न कर दे.
सिर में फंदे
को कसने के लिए कैदी के चारों तरफ घूमना होता है. जैसे ही सारा काम पूरा
हो जाता है, हम लीवर के पास पहुंच जाते हैं और जेल अधीक्षक को अंगूठा
दिखाकर बताते हैं कि हमारा काम पूरा हो गया है. अब इशारा होते ही लीवर
खींचने की तैयारी होती है.