बाद में जब इस पूरे मामले की जांच हुई तो सीआईए टू की टीम को उस गाड़ी का पता चला, जिसका नंबर मृतक पुलिसकर्मी ने हथेली पर लिख रखा था. इसके बाद पुलिस टीम गाड़ी मालिक तक पहुंची. गाड़ी मालिक ने बताया कि वह गाड़ी संदीप नाम के एक शख्स को भेज रखी है. इसके बाद संदीप के घर पर टीम पहुंची तो संदीप के घर में मौजूद संदीप और अमित ने पुलिस टीम पर भी हमला किया जिसमें सीआईए टू इंचार्ज अनिल, साइबर सेल इंचार्ज प्रशांत, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर मंदीप, हेड कांस्टेबल राजेश को चाकू लगे. पुलिस टीम ने बचाव में कार्रवाई करते हुए अमित को मौके पर ही मार गिराया. विकास नाम का एक साथी भागने में कामयाब हो गया लेकिन संदीप को पकड़ लिया. रविंदर और कप्तान सिंह के हत्या में छह आरोपी शामिल थे, अन्य चार आरोपी बचे हैं.(प्रतीकात्मक फोटो)