उत्तर प्रदेश का अलीगढ़ जिला किसी ना किसी बात को लेकर चर्चाओं में रहता है. अभी वहां जहरीली शराब का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा कि एक गांव में बारात चढ़ाने को लेकर दो पक्ष आपस में भिड़ गए. फिर मामला पुलिस तक जा पहुंचा. इसके बाद एक पक्ष के कुछ लोगों ने अपने घरों पर 'मकान बिकाऊ है' लिख दिया. वहां पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की गई.
यह घटना अलीगढ़ के टप्पल थाना क्षेत्र की है. जहां गांव नूरपुर मवन दो पक्ष बारात चढ़ाने को लेकर आपस में भिड़ गए. एक पक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि विशेष पक्ष के लोगों ने बारात नहीं चढ़ने दी. उनकी बात नहीं मानने पर मारपीट और गाली गलोच की गई. डीजे वाली गाड़ी में में भी तोड़फोड़ की गई.
इस वारदात के संज्ञान में आने पर पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा पंजीकृत किया है. पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ एससी/एसटी की धारा भी लगाई है. हालांकि दूसरे पक्ष ने भी थाने में तहरीर दी थी. लेकिन उनकी तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई.
यह मामला 26 मई की दोपहर का बताया जा रहा है. टप्पल थाने में दी गई शिकायत में ओमप्रकाश ने बताया कि उनकी दो बेटियों की शादी थी. उसी दौरान गांव के लोग ही बारात चढ़ाने का विरोध करने लगे. जब उनकी बात को ना मानते हुए बारात चढ़ाने की कोशिश की गई तो विरोध करने वालों ने बारातियों से मारपीट शुरू कर दी. गाड़ी भी तोड़ दी. गाली गलोच शुरू कर दी.
आरोप है कि दूसरे पक्ष की भीड़ ने सुनियोजित तरीके से बारात पर हमला किया था. पुलिस की कार्रवाई न होने से नाराज पीड़ित परिवार और उनके समर्थन में लोगों ने अपने दरवाजों के बाहर 'मकान बिकाऊ है' लिख दिया. साथ ही रविवार की सुबह पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन भी किया गया.
इस मामले में टप्पल थाना पुलिस ने ओमप्रकाश पुत्र तेजपाल की तहरीर पर नूरपुर गांव के वकील, कलुआ, मुस्तकीम, सरफू, अंसार, सोहिल, फारुख, अमजद, तौफीक, सहजोर और लहरू के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है. आरोप है कि पुलिस ने दूसरे पक्ष की एफआईआर नहीं लिखी है.
खैर इलाके के डीएसपी शिव प्रताप सिंह ने बताया कि नूरपुर गांव में हुई घटना के संबंध में वे खुद एसडीएम और एसएचओ के साथ मौके पर गए थे. गांव में अब किसी प्रकार की कोई बात नहीं है. 26 मई की इस घटना के संबंध में टप्पल थाने में अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है.