12 साल पहले 15 साल की की लड़की का अपहरण और फिर उसकी हत्या के मामले में 10 नामजद आरोपी बनाए गए थे. यह मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है. लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ तब आया जब पुलिस ने कहा कि लड़की तो जिंदा है. वहीं, लड़की की मां ने कहा कि यह उनकी बेटी नहीं है बल्कि पुलिस गुमराह कर रही है. (जालौन से अलीम सिद्दीकी की रिपोर्ट)
यूपी के जालौन में 12 साल पहले सुर्खियों में रहा एक लड़की के अपहरण के बाद हत्या के मामले में आरोपी पक्ष की तरफ से लड़की के जिंदा होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है जबकि इस मामले में नामजद 10 लोगों के ऊपर पिछले 12 साल से कोर्ट में केस चल रहा है. इसमें एक महिला आरोपी की मौत भी हो चुकी है जबकि 9 अन्य जमानत पर बाहर हैं और अब अचानक लड़की के सामने आने से हड़कंप मचा हुआ है.
मामला जलौन के कालपी कस्बे का है जहां पर 15 साल की जावित्री उर्फ गायत्री साल 2008 में घर के पास से अचानक गायब हो गई थी. किशोरी की मां राजो देवी ने नगर पालिका कालपी के तत्कालीन जेई सहित 10 लोगों के खिलाफ कालपी कोतवाली में अपहरण का मामला दर्ज कराया था.
कुछ समय बाद कानपुर नगर के घाटमपुर थाना क्षेत्र में एक किशोरी का शव बरामद हुआ था जिसकी शिनाख्त राजो देवी ने अपनी पुत्री जायत्री के रूप में की थी. उसके बाद अपहरण का मामला, हत्या में तब्दील हो गया था जिसके बाद मामले की जांच सीबीसीआईडी में ट्रांसफर कर दी गई थी.
जांच के बाद सीबीसीआईडी ने उसकी चार्जशीट साल 2011 में न्यायालय में दाखिल कर दी थी जिसमें एक महिला आरोपी की मौत हो चुकी है जबकि बाकी आरोपी जमानत पर बाहर चल रहे हैं और न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.
फैसले की घड़ी नजदीक आते ही इस कांड में नया मोड़ तब आया जब बुधवार को आरोपी पक्ष ने मृत घोषित हो चुकी लड़की जायत्री के जिंदा होने का दावा किया. साथ ही युवती को अलीगढ़ के छर्रा से बरामद करने का दावा करते हुए पुलिस के सामने पेश किया. हालांकि पुलिस मामले में हाथ डालने से बच रही है और पुलिस ने इस पूरे मामले से सीबीसीआईडी को अवगत करा दिया है.
वहीं, लड़की की मां राजो देवी ने बरामद की गई लड़की को अपनी लड़की मानने से इनकार करते हुये वर्तमान में कालपी के क्षेत्राधिकारी आरपी सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुये पूरे मामले को गलत बताया है. लड़की की मां का कहना है कि जब उनकी बेटी का अपहरण हुआ था तब आज के क्षेत्राधिकारी आरपी सिंह उस समय घटना क्षेत्र के चौकी इंचार्ज थे और उसके दो साल बाद जब उनके बेटे की हत्या की गई तब आरपी सिंह कालपी कोतवाली के इंचार्ज थे.
मां ने आरोप लगाया कि आज जब बारह साल बाद उनकी लड़की को बरामद होने की बात की जा रही है तब आरपी सिंह वर्तमान में क्षेत्राधिकारी कालपी हैं और अब वो फर्जी लड़की को हमारी बेटी दिखाकर आरोपियों को बचाना चाहते हैं. वहीं, लड़की की मां ने सीओ कालपी पर बड़ा आरोप लगाते हुये कहा कि सीओ आरपी सिंह आरोपियों के साथ मिलकर उसकी भी हत्या करवा सकते है जिस प्रकार मेरे बेटे की हत्या की गई थी.
वहीं, इस मामले में पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह का कहना है कि यह घटना 2008 की है और उस समय शुरुआती जांच पुलिस ने की थी. इसके बाद पूरे मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई थी जिसमें सीबीडीआईडी के द्वारा 10 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिसमें से एक महिला की मौत हो चुकी है और बाकी 9 आरोपी जमानत पर बाहर हैं.