वैसे तो निजी अस्पतालों में महंगे दामों पर उपकरण और इलाज में ज्यादा खर्चा होता है. जब सरकारी अस्पताल में भी इसी तरह का भ्रष्टाचार का खेल बढ़ जाए तो गरीब आदमी को अपना इलाज कराना और मुश्किल हो जाता है. वहीं, इस बीच उत्तर प्रदेश के आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के कार्डियोलॉजी विभाग में भ्रष्टाचार का खेल जबरदस्त चल रहा है. (इनपुट-अमित तिवारी)
आरोप है कि कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉक्टर समीर सराफ ने मरीजों को पेसमेकर पीजीआई की तय कीमत से अधिक कई गुना रेट पर लगाया है. जब इसकी शिकायत एक मरीज ने संस्थान के प्रशासन से की तो आनन-फानन में अस्पताल प्रशासन ने टीम बनाकर जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी.
टीम ने जांच में भ्रष्टाचार और तय कीमत से 9 गुना अधिक कीमत वसूलने की अनियमितता पाई है. अस्पताल प्रशासन ने जांच रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर समीर सर्राफ को निलंबित कर दिया है. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने एक्सपर्ट्स की राज्यस्तरीय एक बड़ी जांच टीम गठित कर दी है. भ्रष्टाचार का वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें डॉक्टर मरीजों से रुपये लेते हुए दिखाई दे रहे हैं. वहीं, अस्पताल प्रशासन का कर्मचारी भी पैसों के लेनदेन में संलिप्त हैं.
मेडिकल कॉलेज के कुलसचिव सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के सहायक प्रोफेसर डॉ समीर सर्राफ़ को निलंबित किया गया है. इनके ऊपर जो आरोप लगे थे वह जांच में पाए गए हैं.