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लखनऊ: कोरोना से मर चुके लोगों के नाम पर लिया करोड़ों का लोन, ऐसे पकड़े गए आरोपी

लखनऊ में पुलिस ने दो ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो कोरोना वायरस से मृत लोगों की फर्जी आइडी के जरिए बैंकों से करोड़ों रुपये का लोन लेते थे. कुछ दिन पहले आरोपितों ने एचडीएफसी बैंक में एक करोड़ रुपये लोन लेने के लिए आवेदन किया था. शक होने पर बैंक ने उनकी ओर से दिए गए आधार कार्ड, पैन कार्ड व अन्य दस्तावेजों की पड़ताल की तो सब फर्जी निकले.

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पुलिस गिरफ्त में आरोपी.
पुलिस गिरफ्त में आरोपी.

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में कोरोना वायरस से मृत लोगों की फर्जी आइडी के जरिए बैंक से करोड़ों रुपये का लोन लेने का मामला सामने आया है. विभूतिखंड पुलिस ने गिरोह के दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है. ये लोग मरे हुए लोगों के नाम पर बैंक से लोन लेते थे. डीसीपी पूर्वी प्राची सिंह के मुताबिक, गिरोह का सरगना पहले इंश्योरेंस कंपनियों में काम कर चुका है.

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उन्होंने बताया कि कानपुर रोड स्थित एचडीएफसी बैंक के मैनेजर अतुल भारती ने विभूतिखंड थाने में FIR दर्ज कराई थी. इसमें बताया गया कि एक शख्स द्वारा जाली दस्तावेज लगाकर लोन अप्रूव करवाया गया है, जिसके बाद पुलिस ने 2 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. इनमें से एक का नाम मृगांक सहाय और दूसरे का नाम अभिषेक भारती है.

छानबीन के बाद रायबरेली के न्यूराना नगर निवासी मृगांक सहाय और दूरभाष नगर निवासी अभिषेक भारती को दबोच लिया गया. आरोपितों ने अब तक 23 से 24 बैंकों से लोन लिया है जोकि अप्रूव हो चुका है और जिसकी कीमत करोड़ों में है. कुछ दिन पहले आरोपितों ने एचडीएफसी बैंक में एक करोड़ रुपये लोन लेने के लिए आवेदन किया था. शक होने पर बैंक ने उनकी ओर से दिए गए आधार कार्ड, पैन कार्ड व अन्य दस्तावेजों की पड़ताल की तो सब फर्जी निकले.

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इसके बाद विभूतिखंड पुलिस से शिकायत की गई. पड़ताल में सामने आया कि आरोपितों ने कोरोना से मृत लोगों की जाली आइडी पर अपने फोटो चस्पा कर दिए थे. पूछताछ में सरगना मृगांक ने बताया कि वह इंश्योरेंस एजेंट के तौर पर काम करता था. कोरोना से जिन लोगों की मौत हुई उनका डाटा उसके पास था.

आरोपित ने मृत लोगों के बैंक अकाउंट, सेलरी स्लिप, आधार कार्ड और पैन कार्ड का दुरुपयोग किया. फिर फर्जीवाड़े की योजना बनाई. लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ की जा रही है.

 

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