फॉरेंसिक साइंस में कहा जाता है कि मुर्दे और उनकी तस्वीरें कहीं ज़्यादा सच बोलती हैं. अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और लाश की तस्वीरें भी अब वो सच बता सकती हैं, जो सब जानना चाहते हैं. यानी सुशांत की मौत खुदकुशी है या क़त्ल. विसरा रिपोर्ट की तरह ही एम्स की फॉरेंसिक टीम ने सुशांत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, सुशांत की लाश की तस्वीरें, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की राय, हरेक चीज़ की पूरी स्टडी कर ली है. स्टडी के बाद उन्होंने अपनी राय भी कायम कर ली है. लेकिन इस राय को आखिरी नतीजा बताने से पहले वो एक बार सीबीआई की एसआईटी के साथ बैठकर सुशांत के घर में हुए डमी ट्रायल के नतीजे को जानना चाहते हैं.
आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक एम्स की फॉरेंसिक टीम ने सुशांत के गले पर मिले लिगेचर मार्क का गहराई से अध्ययन किया. सुशांत की कद काठी और वजह को भी स्टडी किया. अब बस वो क्राइम सीन के री-कंस्ट्रक्ट के नतीजे और डमी ट्रायल के आखिरी नतीजे का मिलान पोस्टमार्टम रिपोर्ट से करेंगे. दरअसल, री-कंस्ट्रक्ट और डमी ट्रायल के नतीजों के ज़रिए एम्स की फॉरेंसिक टीम ये जानना चाहती है कि क्या सुशांत खुद फंदे से झूल सकता था? या फिर किसी और ने उसके गले में फंदा कसा.
इसके लिए एम्स की फॉरेंसिक टीम एंटी मॉर्टम और पोस्टमार्टम के नतीजों को भी खंगाल रही है. एंटी मॉर्टम यानी किसी लाश पर वो ज़ख्म जो उसके जीते आएं हों और पोस्टमार्टम यानी वो ज़ख्म जो उसकी मौत के बाद आए हों. अगर सुशांत को मारने के बाद फंदे पे लटकाया गया, तो जांच में ये साफ़ हो जाएगा कि एंटी मॉर्टम है. यानी पहले उसे मारा गया और फिर लटकाया गया. लेकिन अगर मौत फंदा कसने से हुई है तो फिर ये पोस्टमार्टम है. जिसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हो जाता है.
तो विसरा रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट दोनों का सच कम से कम इस वक्त एम्स की फॉरेंसिक टीम को मालूम है. इसी सच को वो अब आखिरी नतीजे में तब्दील करेंगे और वो आखिरी नतीजा क्या होगा, ये सब पता चलेगा जब एम्स की फॉरेंसिक टीम अपनी रिपोर्ट सीबीआई को अगले हफ्ते सौंपेगी.
आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक विसरा रिपोर्ट में अगर एम्स की फॉरेंसिक टीम को ज़रा सी भी कुछ गड़बड़ी नज़र आती है, तो वो इसके लिए सेकंड ओपिनियन की सिफारिश कर सकती है. यानी जरूरत पड़ने पर कोई तीसरी फॉरेंसिक टीम भी इसकी जांच कर अपनी रिपोर्ट दे सकती है. इतना ही नहीं अगर ज़रूरत पड़ती है, तो तीसरी बार भी सुशांत के विसरा की जांच हो सकती है. क्योंकि एम्स फॉरेंसिक टीम ने मुंबई के कलीना फॉरेंसिक लैब से जो नमूने हासिल किए हैं, वो इतनी मात्रा में अब भी मौजूद हैं कि उनसे तीसरी बार भी जांच कराई जा सकती है. पर इसकी नौबत तभी आएगी, जब एम्स की रिपोर्ट अधूरी हो.