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माफिया डॉन अतीक अहमद को गुजरात से मध्य प्रदेश और राजस्थान के रास्ते उत्तर प्रदेश के प्रयागराज लाया जा रहा है. अतीक को लेकर आ रहा पुलिस का काफिला सोमवार सुबह राजस्थान की सीमा से मध्य प्रदेश में प्रवेश कर चुका है और जल्द ही यूपी में दाखिल हो जाएगा. इसी बीच यूपी पुलिस को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली है कि झांसी के आसपास अतीक अहमद के गुर्गे काफिले में घुसने की कोशिश करेंगे. इसी के चलते यूपी पुलिस मुख्यालय से जारी किए गए निर्देश में सभी जिलों के पुलिस कप्तान को अलर्ट पर रखा गया है.
उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते ही सभी जिलों के कप्तान अपने जिले में अतीक अहमद के रूट के काफिले के रूट को क्लियर कराएंगे. अतीक अहमद को लाने वाले काफिले के रूट को क्लियर रखा जाएगा. पुलिस हेडक्वार्टर ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि रास्ते में ट्रैफिक जाम या किसी भी तरह का अवरोध ना आने पाए. काफिले में कोई भी नई गाड़ी शामिल ना होने पाए और कहीं भी रुकने पर अतीक अहमद से कोई भी बातचीत ना करने पाए.
यूपी के झांसी, जालौन, बांदा, महोबा और चित्रकूट के पुलिस कप्तानों को अतीक अहमद के काफिले को पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ निकालने का निर्देश दिया गया है. पुलिस को मिला इनपुट कि अतीक अहमद के लोग झांसी के आसपास काफिले में प्रवेश करने की कोशिश करेंगे.
माफिया डॉन अतीक अहमद को लेकर यूपी पुलिस अहमदाबाद की साबरमती जेल से लेकर रविवार रात को निकली है. साबरमती जेल से सड़क मार्ग द्वारा अतीक अहमद को प्रयागराज लाया जा रहा है. प्रयागराज तक अतीक को लाने के लिए रास्ता शिवपुरी से झांसी होकर गुजरेगा, जिसमें 24 से 25 घंटे लगातार ट्रैवल करने लगते हैं.
प्रयागराज के उमेश पाल मामले के साथ-साथ राजू पाल हत्याकांड में भी अतीक अहमद आरोपी है. बता दें कि 28 मार्च को प्रयागराज कोर्ट में उमेश पाल किडनैपिंग केस में फैसला आना है. इसी फैसले को लेकर अतीक को प्रयागराज लाया जा रहा है. वहीं, अतीक के भाई अशरफ को भी बरेली जेल से प्रयागराज लाया जाएगा.
दरअसल, उमेश पाल अपहरण कांड में 28 मार्च को प्रयागराज के एमपी एमएलए कोर्ट से फैसला सुनाया जाएगा. बता दें कि उमेश पाल 25 जनवरी 2005 को हुए बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड में उमेश पाल मुख्य गवाह थे. गवाही से रोकने के लिए 28 फरवरी 2006 को उमेश पाल का अपहरण हुआ था और जिसके बाद उमेश पाल ने कोर्ट में अपने बयान बदल दिए थे. अपहरण कर जबरन बयान दिलवाने के मामले में उमेश पाल ने एक साल बाद प्रयागराज के धूमनगंज थाने में साल 2007 में क्राइम नंबर 270/2007 पर अतीक अहमद, अशरफ अहमद और दिनेश पासी के खिलाफ FIR दर्ज करवाई थी.
इसी मामले में उमेश पाल की लगातार गवाही चल रही थी और बीती 24 फरवरी को भी उमेश पाल अपनी गवाही पूरी कर घर लौटे रहे थे जब उनकी हत्या कर दी गई. वहीं, उमेश पाल अपहरण मामले में 17 मार्च 2023 को कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था और अब 28 मार्च को कोर्ट अपना आखिरी फैसला सुनाएगी.
उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ दोनों आरोपी हैं. इसी के चलते अतीक गुजरात को साबरमती जेल और अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया जा सकता है. वहीं, कोर्ट में पेशी से पहले अतीक अहमद को प्रयागराज पुलिस लाइन में रखे जाने की तैयारी की गई है. इसके अलावा सजा मिलने के बाद बरेली सेंट्रल जेल के हाई सिक्योरिटी जोन में भी माफिया को रखे जाने का प्लान बनाया गया है.
उमेश पाल की कर दी गई हत्या
गौरतलब है कि प्रयागराज के बहुचर्चित विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके 2 सुरक्षाकर्मियों संदीप निषाद और राघवेंद्र की 24 फरवरी 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने धूमनगंज थाने में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, 2 बेटों, अतीक के साथी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य साथियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था.
अतीक का पूरा परिवार आरोपी
शूटर्स के अलावा उमेश पाल हत्याकांड में गुजरात की जेल में बंद कुख्यात माफिया डॉन अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, अतीक का भाई अशरफ और उसके बेटों को आरोपी बनाया गया है. एक बेटा फिलहाल फरार है, जबकि दो नाबालिग बेटों को पुलिस ने बाल सुधार गृह भेज दिया है. वहीं, अशरफ दूसरे मामलों को लेकर बरेली जेल में बंद है.