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Amravati Murder Case: उमेश कोल्हे की हत्या के बाद हुई थी ‘बिरयानी पार्टी’, कोर्ट में NIA का दावा

अमरावती मर्डर केस की जांच कर रही एनआईए ने कोर्ट में दावा किया कि उमेश कोल्हे की हत्या के बाद जश्न के लिए 'बिरयानी पार्टी' का आयोजन किया गया था. इसमें मौजूद दो आरोपियों को एजेंसी ने गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों को हिरासत में लेने की मांग करते समय जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि उस पार्टी में और कौन-कौन था ये जानना जरूरी है.

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मृतक उमेश कोल्हे (फाइल फोटो)
मृतक उमेश कोल्हे (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र के अमरावती में हुए केमिस्ट उमेश कोल्हे मर्डर केस की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक स्पेशल कोर्ट को बताया कि इस केस में गिरफ्तार किए गए दो नए आरोपी हत्या का जश्न मनाने के लिए आयोजित हुई एक 'बिरयानी पार्टी' में मौजूद थे.

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NIA ने अमरावती से बुधवार को गिरफ्तार किए गए आरोपी मौलवी मुशफीक अहमद (41) और अब्दुल अरबाज (23) को हिरासत में लेने की मांग करते हुए आरोप लगाए. आरोपियों को स्पेशल कोर्ट के जज एके लाहोटी के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें 12 अगस्त तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया.

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि अहमद ने आरोपी को रसद सहायता प्रदान की थी, वहीं अरबाज अरबाज ने अपराध स्थल पर नजर रखी थी. एनआईए ने अदालत को यह भी बताया कि दोनों ने अपराध करने के बाद अन्य आरोपियों को फरार रहने में कथित तौर पर मदद की थी. NIA ने आरोप लगाया कि मुशफीक ने हत्या के बाद मास्टरमाइंड शेख इरफान के साथ फोन पर बात भी की, जबकि अब्दुल अपने द्वारा संचालित संगठन के साथ ड्राइवर के रूप में काम कर रहा था. हत्या का मास्टरमाइंड इरफान रहबर हेल्पलाइन नाम से एक स्वयंसेवी संगठन चलाता था. 

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UAPA के दर्ज हुआ केस

एनआईए के अनुसार, अन्य आरोपों के अलावा दोनों पर आरोपी को पनाह देने के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था. एजेंसी ने दावा किया कि हत्या के बाद जश्न मनाने के लिए एक "बिरयानी पार्टी" आयोजित की गई थी और मुशफीक और अब्दुल उसी के लिए मौजूद थे. एजेंसी ने कहा कि उन्हें इस बात की जांच करने की जरूरत है कि पार्टी में कौन-कौन मौजूद थे.

आरोपियों के वकील ने किया विरोध

रिमांड का विरोध करते हुए आरोपियों की ओर से पेश वकील काशिफ खान ने तर्क दिया कि दोनों के खिलाफ लगाए गए आरोप लागू नहीं होते क्योंकि वे आतंकवादी नहीं थे. खान ने तर्क दिया कि NIA किसी भी आतंकी संगठन का नाम लिए बिना या इनमें से किसी भी आरोपी के आतंक से संबंधित किसी भी पहले किए गए काम को दिखाए बिना यह दिखाने की कोशिश कर रही थी कि यह एक आतंकी कृत्य था. खान ने आरोपियों की हिरासत की मांग करने वाली एनआईए की याचिका का भी कड़ा विरोध किया. उन्होंने तर्क दिया कि बिरयानी पार्टी और समारोहों के आरोपों को केवल अपराध को और अधिक क्रूर बनाने के लिए दिखाया जा रहा है. 

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21 जून को हुई थी उमेश कोल्हे की हत्या

बता दें कि उमेश कोल्हे की 21 जून को महाराष्ट्र के अमरावती शहर में हत्या कर दी गई थी, जब उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के बारे में उनकी टिप्पणी को लेकर निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा का समर्थन करते हुए एक सोशल मीडिया पोस्ट शेयर की थी. 

 

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