
वारिस पंजाब दे का मुखिया अमृतपाल अभी भी फरार है. कहां भाग गया है, कोई जानकारी नहीं. पंजाब पुलिस बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन चला रही है, उसके गुर्गों को गिरफ्तार भी किया गया है. राज्य में इंटरनेट सेवाएं भी बंद चल रही हैं. अमृतपाल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर इतनी बड़ी पुलिस फोर्स को अमृतपाल ने चकमा कैसे दे दिया. ये सवाल कोर्ट ने भी पूछा है. अब जालंधर पुलिस कमिश्नर ने अपने हलफनामे में इस पूरे वाक्ये के बारे में सिलसिलेवार तरीके से बताया है.
कहानी 18 मार्च की जब अमृतपाल होना था गिरफ्तार
हलफनामे में बताया गया है कि अमृतपाल को गिरफ्तार करने के लिए 18 मार्च को एक ऑपरेशन शुरू किया गया था. पुलिस नाका भी तैयार था. उसी समय अमृतपाल और उसकी गाड़ियों का काफिला वहां आया था. वो खुद मर्सिडीज गाड़ी में मौजूद था, उसके साथी दूसरी गाड़ियों में आ रहे थे. कुल चार गाड़ियां पुलिस नाके के पास आ गई थीं. उनके काफिले को पुलिस ने तुरंत रोका था. लेकिन उन्होंने रुकने के बजाय गाड़ी की रफ्तार बढ़ा दी और बैरिकेड तोड़ दिए. इस घटना को लेकर एक FIR दर्ज की गई थी. खालचियान पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ था और सभी पुलिस स्टेशन को अलर्ट कर दिया गया था. जानकारी दी गई थी कि चार गाड़ियां बैरिकेड तोड़कर भागी हैं, उन्हें पकड़ना है.
गाड़ी पर गाड़ी बदली, बाइक की सवारी, ऐसे दिया चकमा
पुलिस कमिश्नर ने ये भी बताया है कि अमृतपाल और उसके साथियों ने तेज रफ्तार में गाड़ी चलाई थी. सलेमा गांव में एक सरकारी स्कूल के पास तो रैश ड्राइविंग तक की गई थी. चॉकलेटी रंग की ISUZU गाड़ी में तो खुद अमृतपाल सवार था. वहां लोगों में खौफ पैदा करने के लिए वो अपनी राइफल हवा में लहरा रहा था. इसके बाद उस गाड़ी को वहीं मौके पर छोड़कर दूसरी गाड़ी ब्रेजा में सवार हो गया. तब वो और उसके साथी शाहकोट के लिए निकल गए. वहां एक तरफ प्लेटिना बाइक पर अमृतपाल सवार हुआ तो वहीं उसका दूसरा साथी बुलेट लेकर निकल गया. पुलिस के मुताबिक जिस गाड़ी को छोड़कर अमृतपाल भागा था, उसे जब्त कर लिया गया था. उस गाड़ी में राइफल, 57 जिंदा कारतूस बरामद किए गए थे. उसकी एक अलग FIR दर्ज कर ली गई थी.
क्या अंडरग्राउंड हो गया है अमृतपाल?
हलफनामे में स्पष्ट कहा गया है कि अमृतपाल इस समय कानून से भागने की कोशिश कर रहा है. अभी तक उसे डिटेन नहीं किया गया है. वो खुद को अंडरग्राउंड करके बैठा है, पूरा प्रयास कर रहा है कि उसे गिरफ्तार ना किया जाए. बड़ी बात ये है कि हलफनामे में पुलिस कमिश्नर ने दो टूक कहा है कि अमृतपाल को किसी भी मौके पर डिटेन या गिरफ्तार नहीं किया गया था.
अब पुलिस कमिश्नर ने जरूर ये विस्तृत जवाब दिया है, लेकिन कोर्ट इससे संतुष्ट नहीं है. अमृतपाल सिंह केस में सुनवाई करते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार का खुफिया तंत्र पूरी तरह फेल है. इस पर जस्टिस एनएस शेखावत ने पूछा कि अमृतपाल सिंह पर NSA क्यों लगाया गया है. पूरे ऑपरेशन की योजना बनाई गई थी फिर अमृतपाल कैसे भाग गया. उसके अलावा सभी लोग गिरफ्तार कर लिए गए. कोर्ट ने कहा कि हमें पुलिस की कहानी पर भरोसा नहीं है.