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पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को तालोजा जेल से लगता है डर, कोर्ट में लगाई ये गुहार

मुंबई के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और पूर्व सुपर कॉप कहे जाने वाले प्रदीप शर्मा सोमवार को जेल पहुंच गए. वह 11 दिनों तक एनआईए की रिमांड पर थे. जेल का रास्ता खुद एनआईए ने दिखाया. दरअसल, एनआईए की हिरासत ख़त्म होने के बाद प्रदीप शर्मा को सोमवार को अदालत में पेश किया गया था.

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प्रदीप शर्मा की एनआईए रिमांड खत्म हो चुकी है
प्रदीप शर्मा की एनआईए रिमांड खत्म हो चुकी है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एनआईए की रिमांड पर थे प्रदीप शर्मा
  • अब अदालत ने 12 जुलाई तक भेजा जेल
  • तालोजा जेल नहीं जाना चाहते थे प्रदीप शर्मा

अगर कोई सजा भी अपनी पसंद की पाए और सजा की जगह भी अपनी पसंद की चुने तो सजा का क्या मतलब रह जाता है. मुंबई पुलिस के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा सजा तो काटना चाहते हैं, लेकिन जेल अपनी पसंद की जाहते हैं. एनआईए की विशेष अदालत में जब प्रदीप शर्मा को पेश किया गया और उन्हें जेल भेजे जाने की बात सामने आई, तो प्रदीप शर्मा ने कहा कि ठाणे जेल भेजा जाए क्योंकि वहां वे खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं. 

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मुंबई के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और पूर्व सुपर कॉप कहे जाने वाले प्रदीप शर्मा सोमवार को जेल पहुंच गए. वह 11 दिनों तक एनआईए की रिमांड पर थे. जेल का रास्ता खुद एनआईए ने दिखाया. दरअसल, एनआईए की हिरासत ख़त्म होने के बाद प्रदीप शर्मा को सोमवार को अदालत में पेश किया गया था. एनआईए अदालत से कहा कि उनकी पूछताछ का काम पूरा हो चुका है. 

लिहाज़ा अब प्रदीप शर्मा की हिरासत की और ज़रूरत नहीं है. इसी के बाद एनआईए की अदालत ने प्रदीप शर्मा को 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का हुक्म सुना दिया. लेकिन कमाल देखिए प्रदीप शर्मा को जेल भी अपनी पसंद की चाहिए थी. प्रदीप शर्मा ने अदालत ने दरख्वास्त की कि उसे ठाणे जेल भेजा जाए. ना कि नवी मुंबई के तालोजा जेल. 

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क्योंकि तालोजा में उसे क़ैदियों से ख़तरा है. लेकिन अदालत ने प्रदीप शर्मा की ये ख्वाहिश पूरी नहीं की. अदालत ने प्रदीप शर्मा को तालोजा जेल में रखने का हुक्म सुनाते हुए जेल के सुपरिंटेंडेंट से प्रदीप शर्मा की सुरक्षा का इंतज़ाम करने को कहा. प्रदीप शर्मा के अलावा उनके खास मुखबिर संतोष शेलार और आनंद जाधव को भी अदालत ने न्यायिक हिरासत में तलोजा जेल भेज दिया. 

इसी मामले के दो और आरोपी मनीष सोनी और सतीश मोतियारी को एनआईए अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती थी. लिहाज़ा उसने अदालत में दलील दी कि जिस कपड़े या रस्सी से मनसुख हिरेन का गला घोंटा गया है, वो अभी बरामद किया जाना बाकी है. इतना ही मनसुख हिरेन के क़त्ल के बाद ये दोनों आरोपी विदेश चले गए थे. इन्हें विदेश क्यों और किसने भेजा, इसकी भी पड़ताल की जानी है. 

इसी के बाद अदालत ने मनीष सोनी और सतीश मोतियारी को एक जुलाई तक के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया. इस मामले में सचिन वाज़े समेत चार पुलिसवाले और एक बुकी पहले से ही न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं. 

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