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एंटीलिया के बाहर संदिग्ध कार मामला: NIA ने की पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से पूछताछ

एंटीलिया के बाहर संदिग्ध कार मामले में एनआईए के अधिकारियों ने मुंबई में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से पूछताछ की. वाजे शनिवार को पेड्डार रोड स्थित एनआईए ऑफिस पहुंचे जहां एनआईए के सीनियर अधिकारियों ने उनसे पूछताछ शुरू की.

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एंटीलिया के बाहर कुछ दिन पहले संदिग्ध कार मिली थी.(फाइल फोटो)
एंटीलिया के बाहर कुछ दिन पहले संदिग्ध कार मिली थी.(फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सचिन वाजे से NIA ने की पूछताछ
  • वाजे बोले- मुझे फंसाया जा रहा है
  • साथ के पुलिस अधिकारियों पर लगाया आरोप

एंटीलिया के बाहर संदिग्ध कार मामले में एनआईए के अधिकारियों ने मुंबई में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से पूछताछ की. वाजे शनिवार को पेड्डार रोड स्थित एनआईए ऑफिस पहुंचे जहां एनआईए के सीनियर अधिकारियों ने उनसे पूछताछ शुरू की. 

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वाजे ने इससे पहले व्हाट्स ऐप पर एक स्टेटस लगाया था जिसमें लिखा गया था कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है. स्टेटस में लिखा था, ''3 मार्च 2004, सीआईडी के कुछ अधिकारियों ने मुझे एक झूठे केस में गिरफ्तार किया था. वो गिरफ्तारी अब भी अस्पष्ट है कि ऐसा क्यों किया गया था. मुझे लग रहा है कि अतीत फिर से दोहराया जा रहा है.''

स्टेटस में आगे लिखा था, '' मेरे साथ के अधिकारी मुझे फंसाना चाहते हैं.  मौजूदा और तब की स्थिति में अंतर है. तब मेरे पास 17 साल की उम्मीद, धैर्य, जीवन और सर्विस थी. अब मेरे पास जीवन के अगले 17 साल भी नहीं है ना ही धैर्य और सर्विस है. मुझे लगता है दुनिया को अलविदा कहने का समय नजदीक आ रहा है.''

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देंवेद्र फडणवीस और स्कॉर्पियों कार के मालिक मनसुक हिरेन के परिवार ने वाजे पर गंभीर आरोप लगाए हैं. एंटीलिया के बाहर जो कार बरामद हुई थी. उसमें जिलेटिन की छड़ें और धमकी भरा पत्र मिला था. हिरने के परिवार कहा कहना है कि वाजे ने मनसुख को इस केस में फंसाया है और उनकी हत्या के आरोपी वही हैं

बता दें कि एंटीलिया के बाहर संदिग्ध कार मामले की जांच पहले वाजे ही कर रहे थे लेकिन बाद में उनपर आरोप लगने के बाद यह मामला एसीपी रैंक के अधिकारियों को सौंप दिया गया. उन्हें इस केस से हटा दिया गया. हालांकि बाद में यह केस एनआईए को सौंप दिया गया. मनसुख हिरेन की आत्महत्या के मामले की जांच एटीएस कर रही है. एटीएस ने पहले ही दो दिन वाजे से पूछताछ कर चुकी है. कल ही वाजे का तबादला क्राइम ब्रांच से स्पेशल ब्रांच में कर दिया गया है.

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बीजेपी नेता ने साधा उद्धव सरकार पर निशाना

बीजेपी नेता नारायण राणे ने इस मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने सवाल उठाए थे कि सचिन वाजे का तबादला स्पेशल ब्रांच में क्यों किया गया. महाराष्ट्र सरकार वाजे को बचाने में क्यों जुटी हुई है. बीते शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में अब कानून व्यवस्था रही ही नहीं. यह सरकार कभी भी गिर सकती है. पुलिस को मनसुख हिरेन की मौत के बारे में कुछ पता ही नहीं है. सचिन वाजे घटनास्थल पर सबसे पहले कैसे पहुंचे? पूजा चव्हाण, दिशा सालियान और सुशांत सिंह राजपूत की मौत हो चुकी है लेकिन मुख्यमंत्री को बस सचिन वाजे की चिंता है. सीएम सचिन वाजे की मदद क्यों कर रहे हैं. इसके पीछे क्या कारण है? उन्होंने कहा कि वाजे जैसे पुलिस अधिकारियों को पुलिस सर्विस से तत्काल निकाल देना चाहिए. 

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