राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की जयपुर टीम ने दो करोड़ की रिश्वत के मामले में अजमेर में बड़ी कार्रवाई की है. एसीबी ने एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को अजमेर स्थित उनके निजी आवास पर तलाशी लेने के बाद गिरफ्तार कर लिया है. इस दौरान दिव्या मित्तल का बड़ा बयान सामने आया है.
दिव्या मित्तल ने कहा की ड्रग माफियाओं को पकड़ने का उन्हें यह इनाम मिला है. यही नहीं, दिव्या मित्तल ने अजमेर के पुलिस अधिकारियों को भी ड्रग मामले में शामिल बताया है. दरअसल, जब जयपुर एसीबी की टीम उनके आवास से उन्हें गिरफ्तार करके ले जा रही थी, तो उन्होंने कहा की उन्होंने किसी भी व्यक्ति से रिश्वत की मांग नहीं की है.
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दिव्या ने कहा- ऊपर तक जाती है रिश्वत की रकम
ड्रग माफियाओं का रैकेट है, ताकि मेरे यहां से फाइल हट जाए. मैं लगातार उन्हें लगातार ट्रैक कर रही थी. इसमें अजमेर पुलिस के कई अधिकारी भी शामिल हैं. दिव्या मित्तल के इस बयान ने अजमेर पुलिस को भी कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है. एसीबी की जांच में दिव्या मित्तल ने बार-बार रिश्वत की राशि ऊपर तक देने की बात भी कही. अब एसीबी इसकी जांच कर रही है कि ऊपर कहां तक यह राशि दी जाती थी.
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8 घंटे तक चली थी दिव्या के घर की तलाशी
एसीबी ने एएसपी दिव्या कई ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन किया. इनमें से एक जगह झुंझुनूं के चिड़ावा कस्बे में भी उनके निवास पर करीब 8 घंटे तक सर्च की कर्रवाई चली. चिड़ावा में एएसपी दिव्या मित्तल का पैतृक मकान है. यहां पर दिव्या मित्तल के माता-पिता रहते हैं.
एसीबी झुंझुनूं की टीम ने आज सुबह आठ बजे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एएसपी इस्माइल खान के नेतृत्व में इसी पैतृक मकान में सर्च शुरू किया था. गौरतलब है कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिव्या मित्तल का परिवार मूल रूप से हरियाणा निवासी है. मगर, कई दशकों से उनका परिवार चिड़ावा में रहता है.
परिवादी ने एसीबी मुख्यालय जाकर लगाए आरोप
एसीबी के एडिशनल एसपी बजरंग सिंह के मुताबिक, “एक परिवादी एसीबी मुख्यालय आया था. उन्होंने इस बात की सूचना दी थी कि उसके खिलाफ एक प्रकरण दर्ज होने के बाद उसमें से नाम हटाने के बदले में दो करोड़ रुपये की डिमांड की जा रही है. परिवादी ने कहा कि उसका इसके अंदर कोई दोष नहीं है.
उसने बताया, “जब मैं अनुसंधान अधिकारी दिव्या मित्तल के पास गया, तो उन्होंने मुझसे कहा कि आप उदयपुर की तरफ रवाना हो जाओ. आपके पास एक फोन आएगा. उसके अनुसार वहां चले जाना. थोड़ी देर में निकलते ही फोन आया और उसके बाद मैं उदयपुर के लिए रवाना हो गया. वहां मुझसे दो करोड़ की मांग की गई. असमर्थता जाहिर करने पर डरा-धमकाकर एक करोड़ रुपये से कम नहीं होने की बात कही गई. यहां से लौटकर एसीबी को रिपार्ट दी.”
25 लाख की किश्त लेने से पहले दलाल हुआ फरार
बताया जा रहा है कि पीड़ित जब बाद में एएसपी के पास गया तो एक करोड़ रुपये पर बात बनी. पहली किश्त के रूप में 25 लाख वो देने वाला था और एसीबी जाल भी बिछा चुकी थी. तभी दलाल को भनक लग गई और वो नहीं आया. ट्रैप फेल होने के बाद एसीबी ने अदालत से वारंट लेकर कार्रवाई की.
मई 2021 में नशीली खेप पकड़ने से जुड़ा है मामला
दरअसल मई 2021 में अजमेर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 16 करोड़ रुपये से ज्यादा की नशीली दवाओं की खेप पकड़ी थी. इसमें जयपुर में साढ़े पांच करोड़ रुपये और अजमेर में 11 करोड़ रुपये की दवाओं के साथ आरोपी पकड़े गए थे. इसी मामले से नाम हटाने के एवज में दिव्या मित्तल पर रिश्वत मांगने का आरोप है. परिवादी ने 4 जनवरी को एसीबी से संपर्क किया था.