माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई. तीन लड़कों ने भारी पुलिस सुरक्षा के बीच दोनों पर कई राउंड फायरिंग करके मौत के घाट उतार दिया. इस वारदात से पहले अशरफ ने बरेली में मीडिया से बातचीत में कहा था कि उसकी दो सप्ताह बाद हत्या कर दी जाएगी. हैरानी वाली बात ये है कि ठीक दो हफ्ते पांच दिन बाद ये घटना हो गई.
दरअसल, उमेश पाल अपहरण कांड में पेशी के बाद 28 मार्च की रात अशरफ बरेली जेल वापस पंहुचा था. यहां मीडिया से बातचीत करते हुए अशरफ ने अपनी हत्या की आशंका जाहिर की थी. कहा था कि 2 हफ्ते बाद उसे जेल से निकालकर निपटा दिया जाएगा. एक बड़े पुलिस अधिकारी ने ये धमकी दी है कि किसी बहाने जेल से निकाला जाएगा और निपटा दिया जाएगा.
'किसी बहाने से एक दो हफ्ते बाद तुम्हें जेल से निकालेंगे और निपटा देंगे'
अशरफ ने कहा था, "एक बड़े अफसर ने कहा है कि किसी बहाने से एक दो हफ्ते बाद तुम्हें जेल से निकालेंगे और निपटा देंगे. मैं उसका नाम नहीं ले सकता. मेरे परिवार को फंसाने की साजिश रची गई है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को भी बदनाम करने की साजिश है. माननीय मुख्यमंत्री जी पर फर्जी केस लग चुके हैं, इसलिए वो अच्छी तरह से मेरी पीड़ा को समझते हैं."
'चीफ जस्टिस और माननीय मुख्यमंत्री को मेरा लिफाफा पहुंच जाएगा'
अशरफ ने कहा, "मेरी हत्या के बाद प्रयागराज के चीफ जस्टिस और माननीय मुख्यमंत्री को मेरा बंद लिफाफा पहुंच जाएगा. इसके बाद सवालिया लहजे में कहा कि मैं माफिया दिख रहा हूं? 3 साल से जेल में हूं. एक बार विधायक रह चुका हूं. जेल में रहकर कैसे साजिश रच सकता हूं." उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी शाइस्ता परवीन को लेकर अशरफ ने कहा कि वो मेयर का चुनाव लड़ने वाली थीं और प्रचार में लगी हुई थीं, इसलिए उनको फंसा दिया गया.
ये भी पढ़ें- अतीक-अशरफ को गोली मारने वाले शूटर लवलेश के बारे में बड़ी बातें
उमेश की हत्या की साजिश रचने के सवाल पर अशरफ ने कहा कि एलआईयू की मौजूदगी में लोग उससे मिलते हैं. 50 कैमरे लगे हुए हैं. ऐसे में कैसे साजिश रची जा सकती है. जब उमेश पाल ने अपहरण का केस दर्ज कराया था तब जेल में था. अशरफ ने ये भी कहा कि हाईकोर्ट का साफ आदेश है कि जेल में रहने के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए कोर्ट में पेशी हो सकती है. फिर भी जेल से भाई अतीक अहमद को निकाला गया. मुझे किसी अन्य जेल में ट्रांसफर के लिए निकाला जाता है तो वीडियोग्राफी हो और मेरी पसंद का वकील साथ रहे.
ये भी पढ़ें- 'मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम...', हथकड़ी में बंधे अशरफ के आखिरी शब्द और फिर...
बता दें कि अतीक और अशरफ की जांच कराने के लिए पुलिस मेडिकल कॉलेज पहुंची थी. इसी दौरान पुलिस सुरक्षा घेरे में घुसकर हमलावरों ने कई राउंड फायरिंग की. अंधाधुंध फायरिंग से पुलिसकर्मियों में भी भगदड़ मच गई. गोलियां लगने से अतीक और अशरद मौके पर ही गिर गए. हमला करने वाले शूटर्स ने इस दौरान धार्मिक नारे भी लगाए.
ये भी पढ़ें- हर तरफ पड़े गोलियों के खोखे, खून से लथपथ शव, अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद की Photos
हमला उस वक्त हुआ जब अतीक का भाई अशरफ मीडिया के सवालों का जवाब देने के लिए आगे बढ़ा था. गुड्डू मुस्लिम को लेकर अशरफ केवल इतना ही कह पाया था 'मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम' तभी एक हमलावर ने अतीक के सिर में पिस्टल सटाकर गोली दाग दी. इतना ही नहीं उसके अन्य दो साथियों ने दोनों को निशाना बनाकर कई राउंड और फायरिंग की. इसके बाद पुलिस के सामने हाथ उठाकर सरेंडर भी कर दिया. पुलिस ने हमलावरों को पकड़ लिया. जिनकी पहचान लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य के रूप में हुई.