यूपी के बाराबंकी में पुलिस हिरासत में एक युवक की संदिग्ध मौत हो गई. इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने इलाके की पुलिस चौकी पर धावा बोल दिया. पुलिस कर्मियों की पिटाई की और चौकी में आग लगा दी. गांव वाले पुलिस पर युवक की हत्या का आरोप लगा रहे हैं.
मामला बाराबंकी के देवा थाना क्षेत्र का है . यहां माती पुलिस चौकी पर सुभाष रंघुवंशी नाम के युवक को गिरफ्तार कर लाया गया था. उसके खिलाफ एक मोटर साइकिल चोरी का मामला चल रहा था. दो दिन से हवालात में बंद युवक की बुधवार को ही मौत हो गई.
सुभाष की मौत की खबर लगते ही गांव वालों का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने माती पुलिस चौकी को घेर लिया. और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों की जमकर पिटाई की. लोगों का गुस्सा इतना था कि उन्होंने पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया.
पुलिस पर आरोप है कि चौकी में सुभाष की पिटाई की गई जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. गांव वालों का आरोप था कि पुलिसकर्मियों ने पोस्टमार्टम के बाद जबरन युवक के शव का अंतिम संस्कार भी कराया है. बड़ी मुश्किल से पुलिस फोर्स ने मौके पर पहुंचकर हालात को काबू में किया.
उधर, बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक अब्दुल हमीद ने आजतक को फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि मृतक सुभाष रघुवंशी पर जून में एक चोरी का मुकदमा दर्ज हुआ था. उसी के सिलसिले में उसे गिरफ्तार किया गया था. उसी के साथ चौकी के लॉकअप में एक दूसरा आरोपी श्यामू भी बंद था. श्यामू ने बताया कि सुभाष टॉयलेट गया था और वहीं उसने अपनी शर्ट से फांसी लगा ली.
एसपी हमीद ने इस बात से साफ इनकार कर दिया कि श्यामू के साथ मारपीट की गई थी या उसके शव का अंतिम संस्कार पुलिस ने जबरन कराया है. उन्होंने आजतक से कहा कि पोस्टमार्टम और परिजनों को सुभाष का शव सौंपे जाने की वीडियोग्राफी हुई. शव परिवार को दिए जाने के सरकारी दस्तावेज भी पुलिस के पास है. उनका कहना था कि गांव वालों को भड़काकर कुछ लोग केवल राजनीति कर रहे हैं.