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Bihar Crime: तनिष्क के शोरूम में 25 नहीं 10 करोड़ की लूट... ये है बिहार के सबसे बड़े लूटकांड का पूरा सच

भोजपुर के पुलिस अधीक्षक (SP) राज ने आजतक को बताया कि लूट की रकम दस करोड़ है, ना कि 25 करोड़़. इसमें से भी दो लुटेरों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने दो थैलों में भरा काफी सारा लूट का माल बरामद करने का भी दावा किया है.

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भोजपुर पुलिस ने 24 घंटे में लूट का खुलासा कर दिया
भोजपुर पुलिस ने 24 घंटे में लूट का खुलासा कर दिया

Ara Tanishq Showroom Robbery Disclosure: बिहार के आरा में तनिष्क के शोरूम में 25 करोड़ की लूट, बिहार में हुई अब तक की सबसे बड़ी लूट बताई जा रही थी. ये खबर हर अखबार की सुर्खियां और न्यूज चैनल की हेडलाइंस थी. लेकिन हैरानी की बात ये है कि 24 घंटे से भी कम वक्त में लूटे गए गहनों की कीमत आधी से भी कम हो गई. हालांकि, इस मामले में पुलिस ने दो लुटेरों को एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है और उनकी निशानदेही पर दूसरे बदमाशों की पहचान भी हो गई. अब पुलिस उनकी तलाश में जुटी है. 

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इस घटना के बाद आरा के नगर थाने में लूट की एफआईआर दर्ज हुई. जिसके मुताबिक, शोरूम से 25 करोड़ नहीं बल्कि दस करोड़ के गहने लूटे गए हैं. भोजपुर के पुलिस अधीक्षक (SP) राज ने आजतक को बताया कि लूट की रकम दस करोड़ है, ना कि 25 करोड़़. इसमें से भी दो लुटेरों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने दो थैलों में भरा काफी सारा लूट का माल बरामद करने का भी दावा किया है. 

कमाल ये है कि इस लूट की एफआईआर उस स्टोर मैनेजर की तरफ से लिखाई गई है, जो 24 घंटे पहले खुद ही 25 करोड़ की लूट की बात कर रहे थे. शोरूम में दाखिल होने वाले उन पांच लुटेरों में से बस दो के चेहरे ढके थे. बाकी तीन खुल्लम-खुल्ला शोरूम के स्टाफ के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे में भी अपना चेहरा दिखा रहे थे. पांचों लुटेरे 25 से तीस साल की उम्र के होंगे. ज्यादातार चप्पल पहनकर ही चले आए थे. उन पांच में से दो लुटेरों विशाल गुप्ता और कुणाल कुमार दोनों सारण और सोनपुर के रहने वाले हैं.

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शोरूम से करीब बीस किलोमीटर दूर विशाल गुप्ता और कुणाल कुमार की पुलिस से मुठभेड़ हो गई थी. इस मुठभेड़ में दोंनों को कमर के नीचे दो-दो गोलियां लगीं हैं. फिलहाल, अगले एक हफ्ते तक अब वे दोनों अस्पताल में ही रहेंगे. इन दो शातिर बदमाशों के पकड़ में आने से पुलिस को इतनी राहत ज़रूर मिली कि इनके बाकी साथियों के नाम और पहचान का खुलासा हो गया. पुलिस ने विशाल और कुणाल के पास से दो पिस्टल, दस कारतूस, दो थैलों में लूट के जेवरात और पल्सर मोटरसाइकिल बरामद की है, जिस पर लूट के बाद ये फरार चल रहे थे. लेकिन बाकी के चार लुटेरे अब भी पुलिस की पहुंच से दूर हैं. 

हालांकि भोजपुर पुलिस ने ये भी दावा किया है कि शोरूम के जिस गार्ड की बंदूक लुटेरे अपने साथ ले गए थे, वो बंदूक सोमवार देर रात बरामद कर ली गई है. वारदात के दौरान एक लुटेरे के हाथ में वही बंदूक थी, जो शोरूम में घुसते ही उसने गार्ड से छीन ली थी. वैसे अब तक की तफ्तीश और गिरफ्तार दो लुटेरों से पूछताछ के मुताबिक, लुटेरों ने लूटपाट से पहले बाकायदा कई बार उस शोरूम की रेकी की थी. आरा में तनिष्क का वो ज्वेलरी शोरूम शहर के मेन चौक पर है. जिसे पहले घंटाघर और अब गोपाली चौक कहा जाता है. 

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कमाल की बात ये है कि उस शोरूम के करीब ही हर वक्त ट्रैफिक पुलिस वाले मौजूद रहते हैं. और तो और वहां से नगर थाना भी मुश्किल से 300 मीटर की दूरी पर है. लेकिन इसके बावजूद शोरूम के स्टाफ के बार-बार फोन करने पर भी पुलिस वक्त पर नहीं पहुंची. अगर पुलिस फोन सुनते ही मौके पर आ जाती तो लुटेरों का वहां से भागना मुश्किल हो जाता. शोरूम स्टाफ सिमरन ने पुलिस के नंबर पर दस-बारह कॉल किए थे. 

उधर, लुटेरे पूरी तैयारी और प्लानिंग के साथ शोरूम लूटने पहुंचे थे. उन्हें ये तक पता था कि शोरूम की सुरक्षा गाइडलाइंस के हिसाब से एक वक्त में चार से ज्यादा लोग एक साथ शोरूम में दाखिल नहीं हो सकते. शोरूम में मास्क या नकाब पहने लोगों को एंट्री नहीं दी जाती. इसीलिए पहले तीन लुटेरे खुले चेहरे के साथ शोरूम में दाखिल हुए. इसके बाद मास्क और हेलमेट पहने लुटेरों ने शोरूम के गेट पर ही गार्ड को पिस्टल दिखाकर उन्हें अपने काबू में कर लिया था और गार्ड की बंदूक भी छीन ली थी.

हालांकि सीसीटीवी कैमरे की तस्वीरों से ये भी साफ है कि लुटेरों के पास पिस्टल तो थी लेकिन वो किसी स्टाफ को गोली मारना नहीं चाहते थे. बस डराना चाहते थे. इस बात का सबूत कुछ तस्वीरें भी हैं. शोरूम के दरवाजे के पास काउंटर पर बैठा एक स्टाफ लुटेरों की नजरों से खुद को बचाता हुआ शायद बाहर निकलने की कोशिश करता है. मगर तभी एक लुटेरे की नज़र उस पर पड़़ जाती है और वो बाकी लुटेरों को सावधान करता है. इस पर एक लुटेरा उस स्टाफ की तरफ जैसे ही पिस्टल तानता है, उसका दूसरा साथी उसे गोली मारने से मना करता है.

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9 मिनट के अंदर जितना माल लुटेरे थैले में भर सकते थे, उन्होंने वो अलग अलग थैलों में भर लिया था. बीच-बीच में वो अपनी जेबों में भी जेवर रखते जा रहे थे. जब उन्हें लगा कि अब काफी माल हाथ आ चुका है, तब 10 बजकर 37 मिनटर पर सभी स्टाफ को एक साथ बिठा कर कट्टा लहराते हुए वो शोरूम से निकल जाते हैं. शोरूम के बाहर मोटरसाइकिल पर उनके कुछ और साथी पहले से ही मौजूद थे. इसके बाद वो उन्हीं मोटरसाइकिल पर बैठकर वहां से निकल भागे. इसके बाद स्टाफ ने बाहर निकलकर शोर मचाया और फिर मौके पर पहुंची. 

(आरा से सोनू सिंह का इनपुट) 

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