बिहार के दरभंगा में करीब सप्ताहभर पहले बदमाशों ने सोने की सबसे बड़ी लूट को अंजाम दिया था. पुलिस जांच में पहले ये बात सामने आई थी कि वारदात को अंजाम देने से पहले सारे बदमाश एक लॉज में रुके थे. लेकिन जब जांच आगे बढ़ी तो पुलिस को पता चला कि बदमाशों ने छुपने के लिए मौका-ए-वारदात के नजदीक एक खंडहर को चुना था.
दरभंगा में बदमाशों ने 9 दिसंबर को सबसे बड़ी लूट को अंजाम देते हुए करोड़ों का सोना उड़ा लिया था. पुलिस की कई टीम इस मामले को सुलझाने में जुटी हैं. इसी दौरान बदमाशों के मदारपुर मोहल्ले में स्थित एक लॉज में ठहरने की बात सामने आई थी. मगर अपराधी लॉज में नहीं एक खंडहर में छुपे थे. उस खंडहर में रुक कर ही उन्होंने वारदात को अंजाम देने की योजना बनाई थी.
स्थानीय लोग इस खंडहर के बारे में कैमरे पर तो कुछ नहीं बोलते लेकिन बताते हैं कि वीरान पड़े इस खंडहरनुमा मकान में कोई नहीं रहता. वहां कोई दरवाजा भी नहीं है. ऐसे में वो जगह अपराधियों और नशेड़ियों का अड्डा बन गई है. पुलिस जांच के नाम पर कई बार वहां पहुंची लेकिन करीब एक महीने से उस खंडहर के बाहर पड़ी एक लावारिस पल्सर बाइक पर ध्यान नहीं दिया.
पुलिस ने ना तो उस बाइक को जब्त किया. और ना ही उसके बारे में कोई जानकारी जुटाने की जहमत उठाई. वो बाइक अब भी वहीं मौजूद है. ऐसे में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने दिखाई दे रही है. जबकि इलाके के लोग इस खंडहर में आने वाले अपराधियों और अनजाने लोगों की आमद से खासे परेशान हैं.