पश्चिम बंगाल में बीरभूम के बागतुई में टीएमसी नेता की हत्या के बाद हिंसा के मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, मृतकों को जिंदा जलाने से पहले बुरी तरह से पीटा गया था. इस घटना में 3 महिला, 2 बच्चों समेत 8 लोगों की जान चली गई थी. फोरेंसिक विशेषज्ञों ने घरों के अंदर पाए गए जले हुए शवों का परीक्षण किया और शुरुआती जांच में पाया कि पीड़ितों को पहले बुरी तरह पीटा गया और फिर जिंदा जला दिया गया. इस मामले में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
बताया जा रहा है कि सोमवार को हुई टीएमसी नेता की हत्या का बदला लेने के लिए इस हिंसा को अंजाम दिया गया. वहीं, ममता सरकार ने कई पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को लापरवाही के आरोप में हटा दिया है.
सीएम ममता बनर्जी पहुंची बागतुई गांव
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को हिंसाग्रस्त बागतुई गांव का दौरा किया. उन्होंने कहा, 'पुलिस रामपुरहाट हिंसा के आरोपियों की तलाश करे और उन्हें गिरफ्तार करे. साथ ही दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित करे'. ममता बनर्जी ने सभी मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए, जिन घरों को नुकसान पहुंचा है उनके निर्माण के लिए 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया. सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यभर में बम और हथियारों को जब्त करने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाने का आदेश दिया गया है.
क्या है मामला ?
रामपुरहाट में टीएमसी नेता की हत्या के बाद हिंसा भड़क गई थी. यहां कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया था. आग से जलकर 2 बच्चों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. इसमें 3 महिलाएं भी शामिल थीं. रामपुरहाट में हिंसा को लेकर बीजेपी और टीएमसी के बीच घमासान जारी है. टीएमसी सांसदों ने गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह ने मुलाकात की और हिंसा पर बयानबाजी को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ को हटाने की मांग की.