अवैध रूप से भारत में घुसपैठ करने वाले करीब 3000 बांग्लादेशी लोगों को सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने इस साल गिरफ्तार किया है. वहीं, मवेशियों की तस्करी पर पाबंदी लगाई है जिसके चलते इस साल अक्टूबर तक 80 हजार मवेशियों की तस्करी हुई जबकि इससे पहले दो-तीन साल में यह आंकड़ा 1.7 लाख था. 57वें बीएसएफ स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक पंकज कुमार सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी.
डीजी ने बताया, बीएसएफ इस वक़्त 193 बटालियन के साथ देश के बॉर्डर की रक्षा कर रहा है. भारत-बांग्लादेश बॉर्डर की सुरक्षा बीएसएफ के हाथों में है. बांग्लादेश सीमा के साथ भारत की 4100 किमी भूमि और 930 किमी नदी सीमा क्षेत्र लगा हुआ है. यद्यपि हम म्यामांर बॉर्डर पर मौजूद नहीं हैं, लेकिन उन इलाकों से आने वाले रोहिंग्या और अवैध हथियारों पर हमारा ख़ुफ़िया तंत्र सक्रिय नजर रखता है.
'याबा' ड्रग पर नजर
बीएसएफ के डीजी ने आगे कहा कि बांग्लादेश बॉर्डर से आने वाला 'याबा' ड्रग एक बड़ा मुद्दा है. पिछले सालों में इस ड्रग की 6 लाख टैबलेट की स्मगलिंग होती थी, जो अब घटकर 2.5 लाख के आसपास रह गई है, लेकिन यह भी चिंता का विषय है. इसको लेकर फोर्स काफी सतर्क है. बता दें कि ‘क्रेजी मेडिसिन’ के नाम से फेमस याबा ड्रग उत्तर पूर्व के युवाओं को नशे की गिरफ्त में ले रहा है.
मवेशियों की तस्करी घटी
इसके अलावा, बीएसएफ ने मवेशियों की तस्करी को लेकर तस्करों पर नकेल कस दी है. पंकज कुमार सिंह ने बताया कि भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर मवेशियों की तस्करी 2-3 साल पहले 1.7 लाख थी, जो अब घटकर इस साल अक्टूबर तक 80000 हो गई.
महिलाओं से दुव्यर्वहार नहीं
बीएसएफ के डीजी ने बंगाल में महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार की बात को गलत करार दिया. उन्होंने कहा कि हमारे पास 5700 महिलाकर्मी और 139 महिला अधिकारी हैं, जिन्हें सिर्फ महिलाओं की जांच करने के लिए नियुक्त किया गया है. दरअसल, टीएमसी नेता उद्यान गुहा ने बीएसएफ पर आरोप लगाए थे कि महिलाओं की तलाशी के नाम पर फोर्स के कर्मी उन्हें गलत तरीके से छूते हैं.