केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भ्रष्टाचार पर तीखा प्रहार करते हुए रिश्वत से जुड़े एक मामले में रत्नाकर बैंक लिमिटेड के दो सीनियर ऑफिसर को गिरफ्तार किया है. इन अधिकारियों पर 30 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है.
गुजरात से महाराष्ट्र तक जुड़े तार
सीबीआई ने जानकारी दी है कि रत्नाकर बैंक लिमिटेड के एग्रो डिवीजन के रीजनल हेड निमेष मांगेर को अहमदाबाद और रिकवरी डिपार्टमेंट के हेड सौरभ भसीन को पुणे से गिरफ्तार किया गया है. दोनों के खिलाफ रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया गया है.
मांगे थे 1 करोड़ रुपये
सीबीआई का कहना है कि वैल्युएशन सर्टिफिकेट जारी करने के नाम पर इन दोनों अधिकारियों ने 1 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत मांगी थी. बाद में रिश्वत की रकम 30 लाख रुपये तय हुई.
दरअसल राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड वाणिज्यिक बागवानी के विकास के लिए एक योजना चलाता है. बागवानी से उपज के उत्पादन एवं उत्पादन के बाद उपज के प्रबंधन के लिए चलाई जाने वाली इस योजना में सरकार की ओर से एक एग्री टर्म लोन दिया जाता है. इसमें सरकार बागवानी प्रोजेक्ट की कुल लागत पर 50% की सब्सिडी देती है. ये अधिकतम 56 लाख रुपये प्रति परियोजना हो सकती है.
इसी योजना का लाभ उठाने के लिए इस मामले में शिकायत करने वाले व्यक्ति और उसके परिवार के 12 सदस्यों ने ऋण के लिए आवेदन किया. ऋण के साथ सब्सिडी नहीं मिलने के चलते ये ऋण एनपीए बन गया. बाद में सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए प्रॉपर्टी को गिरवी रखने की जरूरत पड़ी और इसी संपत्ति का वैल्यूएशन सर्टिफिकेट जारी करने के लिए दोनों अधिकारियों ने कथित रिश्वत की मांग की.
सीबीआई ने बिछाया जाल
रत्नाकर बैंक के दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार करने के लिए सीबीआई ने जाल बिछाया. इसके अलावा दोनों अधिकारियों के अहमदाबाद, पुणे और दिल्ली स्थित आवासीय और ऑफिस के ठिकानों पर छापा मारा गया और इन्हें आज संबंधित अदालत में पेश किया गया.
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