Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता की धाराओं में अदालत (Court) में या पुलिस (Police) के काम से संबंधित कई तरह के प्रावधान मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल संबंधित जांच और कार्य में किया जाता है. इसी तरह से CrPC की धारा 119 (Section 119) में उस अवधि के बारे में जानकारी दी गई है, जब से सुरक्षा की आवश्यकता होती है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 119 इस बारे में क्या बताती है?
सीआरपीसी की धारा 119 (CrPC Section 119)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure 1973) की धारा 119 (Section 119) में उस अवधि के प्रारंभ (Start of term) की बात की गई है, जिसके लिए सुरक्षा आवश्यक है. CrPC की धारा 119 के अनुसार, (1) यदि कोई व्यक्ति, जिसके बारे में प्रतिभूति की अपेक्षा (Security requirement) करने वाला आदेश (Order) धारा 106 या धारा 117 (Section 106 or Section 117) के अधीन दिया गया है, ऐसा आदेश दिए जाने के समय कारावास (Imprisonment) के लिए दंडादिष्ट है या दंडादेश (sentenced) भुगत रहा है तो वह अवधि, जिसके लिए ऐसी प्रतिभूति (Security) की अपेक्षा की गई है, ऐसे दंडादेश के अवसान (Expire) पर प्रारंभ होगी. (2) अन्य दशाओं में ऐसी अवधि, ऐसे आदेश की तारीख से प्रारंभ होगी, जब तक कि मजिस्ट्रेट (Magistrate) पर्याप्त कारण (Reason enough) से कोई बाद की तारीख नियत न करे.
इसे भी पढ़ें--- CrPC Section 118: जिस शख्स के खिलाफ दी गई हो इत्तिला, उसी से जुड़ी है CrPC की ये धारा
क्या है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.