Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 129 में भीड़ के जमाव को नागरिक पुलिस बल की सहायता से काबू करने को लेकर प्रावधान किया गया है. लेकिन ऐसे ही CrPC की धारा 130 (Section 130) में जमाव को तितर-बितर करने के लिए आर्म्ड फोर्स के इस्तेमाल का प्रावधान है. तो चलिए जान लेते हैं कि सीआरपीसी की धारा 130 इस विषय में क्या जानकारी देती है?
सीआरपीसी की धारा 130 (CrPC Section 130)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure 1973) की धारा 130 (Section 130) में भीड़ या जमाव को तितर-बितर करने के लिए सशस्त्र बल का प्रयोग करना बताया गया है. CrPC की धारा 130 के अनुसार-
(1) यदि कोई ऐसा जमाव अन्यथा तितर-बितर नहीं किया जा सकता है और यदि लोक सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि उसको तितर-बितर किया जाए तो उच्चतम पंक्ति का कार्यपालक मजिस्ट्रेट, जो उपस्थित हो, सशस्त्र बल द्वारा उसे तितर-बितर करा सकता है.
(2) ऐसा मजिस्ट्रेट किसी एसे अधिकारी से, जो सशस्त्र बल के व्यक्तियों की किसी टुकड़ी का समादेशन कर रहा है, यह अपेक्षा कर सकता है कि वह अपने समादेशाधीन सशस्त्र बल की मदद से जमाव को तितर-बितर कर दे और उसमें सम्मिलित ऐसे व्यक्तियों को, जिनकी बाबत मजिस्ट्रेट निदेश दे या जिन्हें जमाव को तितर-बितर करने या विधि के अनुसार दंड देने के लिए गिरफ्तार और परिरुद्ध करना आवश्यक है, गिरफ्तार और परिरुद्ध करे.
(3) सशस्त्र बल का प्रत्येक ऐसा अधिकारी ऐसी अध्यपेक्षा का पालन ऐसी रीति से करेगा जैसी वह ठीक समझे, किंतु ऐसा करने में केवल इतने ही बल का प्रयोग करेगा और शरीर और संपत्ति को केवल इतनी ही हानि पहुंचाएगा जितनी उस जमाव को तितर-बितर करने और ऐसे व्यक्तियों को गिरफ्तार और निरुद्ध करने के लिए आवश्यक है.
इसे भी पढ़ें--- CrPC Section 129: सिविल फोर्स के जरिए भीड़ को तितर-बितर करना बताती है धारा 129
क्या है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.