Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता में न्यायलय (Court) और पुलिस (Police) से संबंधित कई प्रकार के प्रावधान (Provision) मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल ज़रूरत के हिसाब होता है. ऐसे ही सीआरपीसी की धारा 134 (Section 134) में आदेश की तामील या अधिसूचना का प्रावधान (Provision) किया गया है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 134 इस बारे में क्या बताती है?
सीआरपीसी की धारा 134 (CrPC Section 134)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure 1973) की धारा 134 (Section 134) में आदेश (Order) की तामील या अधिसूचना (Service or Notification) जारी करने के संबंध में जानकारी दी गई है. CrPC की धारा 134 के अनुसार-
(1) आदेश की तामील (Service of order) उस व्यक्ति पर, जिसके विरुद्ध वह किया गया है. यदि साध्य (Achievable) हो तो उस रीति (Custom) से की जाएगी जो समन की तामील (Service of a summons) के लिए इसमें उपबंधित (Provided) है.
(2) यदि ऐसे आदेश की तामील (Service of order) इस प्रकार नहीं की जा सकती है तो उसकी अधिसूचना (Notification) ऐसी रीति से प्रकाशित (Published in a manner) उद्घोषणा द्वारा की जाएगी जैसी राज्य सरकार (State Government) नियम द्वारा निदिष्ट (Specified by rule) करे और उसकी एक प्रति ऐसे स्थान या स्थानों पर चिपका (Struck) दी जाएगी जो उस व्यक्ति को इत्तिला (inform the person) पहुंचाने के लिए सबसे अधिक उपयुक्त (More appropriate) हैं.
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क्या है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.