Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता में अदालत (Court) की कार्यप्रणाली से जुड़े प्रावधान भी परिभाषित (Define) किए गए हैं. जिनका इस्तेमाल सुनवाई के लिए किया जाता है. इसी तरह से सीआरपीसी की धारा 184 में एक साथ विचारणीय अपराधों के लिए ट्रायल के स्थान को परिभाषित किया गया है. चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी (CrPC) की धारा 184 इस बारे में क्या जानकारी देती है?
सीआरपीसी की धारा 184 (CrPC Section 184)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure 1975) की धारा 184 के अधीन उस स्थान के बारे में बताया गया है, जहां एक साथ विचारणीय (Triable) अपराधों के लिए ट्रायल (Trial for offenses) किया जाए. CrPC की धारा 184 के अनुसार-
(क) किसी व्यक्ति द्वारा किए गए अपराध (Offense) ऐसे हैं कि प्रत्येक ऐसे अपराध के लिए धारा 219, 220 या धारा 221 के उपबन्धों के आधार पर एक ही विचारण में उस पर आरोप (allegation) लगाया जा सकता है और उसका विचारण (Trial) किया जा सकता है, अथवा
(ख) कई व्यक्तियों द्वारा किया गया अपराध (Offense) या किए गए अपराध ऐसे हैं कि उनके लिए उन पर धारा 223 के उपबन्धों के आधार पर एक साथ आरोप लगाया जा सकता है और विचारण किया जा सकता है, वहां अपराध की जांच (crime investigation) या विचारण ऐसे न्यायालय (Court) द्वारा किया जा सकता है जो उन अपराधों में से किसी की जांच या विचारण (Trial) करने के लिए सक्षम है.
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क्या है दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC)
दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 (Code of Criminal Procedure, 1973) भारत में आपराधिक कानून के क्रियान्यवन के लिये मुख्य कानून है. यह सन् 1973 में पारित हुआ था. इसे देश में 1 अप्रैल 1974 को लागू किया गया. दंड प्रक्रिया संहिता का संक्षिप्त नाम 'सीआरपीसी' है. सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है.
CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है. CrPC में अब तक कई बार संशोधन (Amendment) भी किए जा चुके हैं.