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CrPC Section 185: विभिन्न सेशन खंडों में मामलों के ट्रायल का आदेश देने की शक्ति है धारा 185

सीआरपीसी की धारा 185 में विभिन्न सेशन खण्डों में मामलों के विचारण का आदेश देने की शक्ति को परिभाषित किया गया है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी (CrPC) की धारा 185 इस बारे में क्या कहती है?

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सेशन खंडों में ट्रायल के आदेश से जुड़ी है ये धारा
सेशन खंडों में ट्रायल के आदेश से जुड़ी है ये धारा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सेशन खंडों में ट्रायल के आदेश से जुड़ी है ये धारा
  • 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी
  • CrPC में कई बार हुए है संशोधन

Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता में अदालत (Court) की कार्यप्रणाली से जुड़े प्रावधान भी परिभाषित (Define) किए गए हैं. जिनका इस्तेमाल सुनवाई के लिए किया जाता है. इसी तरह से सीआरपीसी की धारा 185 में विभिन्न सेशन खण्डों में मामलों के विचारण का आदेश देने की शक्ति को परिभाषित किया गया है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी (CrPC) की धारा 185 इस बारे में क्या कहती है?  
 
सीआरपीसी की धारा 185 (CrPC Section 185)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure 1975) की धारा 185 के अधीन अलग-अलग सेशन खण्डों (Session segments) में मामलों के विचारण का आदेश (Trial order) देने की शक्ति को बताया गया है. CrPC की धारा 185 के अनुसार, इस अध्याय के पूर्ववर्ती उपबन्धों में किसी बात के होते हुए भी, राज्य सरकार (State government) निर्देश दे सकती है कि ऐसे किन्हीं मामलों का या किसी वर्ग के मामलों का विचारण, जो किसी जिले में विचारणार्थ सुपुर्द (Handed over for trial) हो चुके हैं, किसी भी सेशन खंड (Session segment) में किया जा सकता है:

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परन्तु यह तब जब कि ऐसा निर्देश उच्च न्यायालय (High Court) या उच्चतम न्यायालय (Supreme court) द्वारा संविधान के अधीन या इस संहिता के या तत्समय प्रवृत्त (for the time being in force) किसी अन्य विधि के अधीन पहले ही जारी किए गए किसी निदेश के विरुद्ध नहीं है.

इसे भी पढ़ें--- CrPC Section 184: एक साथ विचारणीय अपराधों के लिए ट्रायल की जगह से जुड़ी है ये धारा

क्या है दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC)
दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 (Code of Criminal Procedure, 1973) भारत में आपराधिक कानून के क्रियान्यवन के लिये मुख्य कानून है. यह सन् 1973 में पारित हुआ था. इसे देश में 1 अप्रैल 1974 को लागू किया गया. दंड प्रक्रिया संहिता का संक्षिप्त नाम 'सीआरपीसी' है. सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. 
 
CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है. CrPC में अब तक कई बार संशोधन (Amendment) भी किए जा चुके हैं.

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