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CrPC Section 101: क्षेत्राधिकार से बाहर तलाशी में मिली चीजों का निपटान बताती है CrPC की धारा 101

सीआरपीसी (CrPC) की धारा 101 (Section 101) में बताया गया है कि कैसे क्षेत्राधिकार से बाहर तलाशी के दौरान मिले सामान का निपटान किया जा सकता है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 101 इस विषय में क्या प्रावधान करती है?

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तलाशी में मिले सामान से जुड़ी है CrPC धारा 101
तलाशी में मिले सामान से जुड़ी है CrPC धारा 101
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तलाशी में मिले सामान से जुड़ी है CrPC धारा 101
  • 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी
  • CrPC में कई बार हुए है संशोधन

Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता की धाराओं में ऐसी कानूनी प्रक्रियाओं (Legal procedures) के बारे में जानकारी दी गई है, पुलिस (Police) और कोर्ट (Court) की कार्य प्रणाली के दौरान इस्तेमाल होती हैं. इसी तरह से सीआरपीसी (CrPC) की धारा 101 (Section 101) में बताया गया है कि कैसे क्षेत्राधिकार से बाहर तलाशी के दौरान मिले सामान का निपटान किया जा सकता है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 101 इस विषय में क्या प्रावधान करती है?

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सीआरपीसी की धारा 101 (CrPC Section 101)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Proced) की धारा (101 Section 101) में यह स्पष्ट किया गया है कि कानूनी तौर (Legally) पर अपने क्षेत्राधिकार से बाहर तलाशी के दौरान बरामद किए गए सामान का निपटान कैसे किया जाएगा. CrPC की धारा 101 के मुताबिक, जब तलाशी-वारंट (Search warrant) को किसी ऐसे स्थान में निष्पादित (Execution) करने में, जो उस न्यायालय (Court) की जिसने उसे जारी किया है, स्थानीय अधिकारिता (Local jurisdiction) से परे है, उन चीजों में से, जिनके लिए तलाशी ली गई है, कोई चीजें (Things) पाई जाएं तब वे चीजें, इसमें इसके पश्चात् अंतर्विष्ट उपबंधों के अधीन (Subject to the provisions contained in) तैयार की गई, उनकी सूची के सहित उस न्यायालय के समक्ष, जिसने वारंट जारी किया था तुरंत ले जाई जाएंगी किंतु यदि बह् स्थान ऐसे न्यायालय की अपेक्षा उस मजिस्ट्रेट (Magistrate) के अधिक समीप है, जो वहां अधिकारिता  (Jurisdiction) रखता है, तो सूची और चीजें उस मजिस्ट्रेट के समक्ष तुंरत ले जाई जाएंगी और जब तक तत्प्रतिकूल (to the contrary) अच्छा कारण न हो, वह मजिस्ट्रेट उन्हें ऐसे न्यायालय के पास ले जाने के लिए प्राधिकृत (Authorized) करने का आदेश देगा.

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क्या है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.

 

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