scorecardresearch
 

CrPC Section 102: किसी संपत्ति को जब्त करने के लिए पुलिस अधिकारी की शक्ति बताती है ये धारा

सीआरपीसी (CrPC) की धारा 102 (Section 102) में किसी संपत्ति को जब्त करने के लिए पुलिस अधिकारी की शक्ति का प्रावधान किया गया है. चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 102 इस बारे में क्या बताती है?

Advertisement
X
CrPC की धारा 102 के तहत मजिस्ट्रेट अपनी उपस्थिति में तलाशी करा सकता है
CrPC की धारा 102 के तहत मजिस्ट्रेट अपनी उपस्थिति में तलाशी करा सकता है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • किसी संपत्ति को जब्त करने से संबंधित है ये धारा
  • 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी
  • CrPC में कई बार हुए हैं संशोधन

Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता की धाराओं में ऐसी कानूनी प्रक्रियाओं (Legal procedures) के बारे में जानकारी दी गई है, पुलिस (Police) और कोर्ट (Court) की कार्य प्रणाली के दौरान इस्तेमाल होती हैं. इसी तरह से सीआरपीसी (CrPC) की धारा 102 (Section 102) में किसी संपत्ति को जब्त करने के लिए पुलिस अधिकारी की शक्ति का प्रावधान मिलता है. चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 102 इस बारे में क्या बताती है?

Advertisement

सीआरपीसी की धारा 102 (CrPC Section 102)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Proced) की धारा (102 Section 102) में बताया गया है कि (1) कोई भी पुलिस अधिकारी, किसी भी संपत्ति को जब्त (Confiscated property) कर सकता है, जिस पर कथित या चोरी होने का संदेह हो, या जो ऐसी परिस्थितियों में पाया जाए जो किसी भी अपराध (Offence) के किए जाने का संदेह पैदा करते हैं.

(2) ऐसा पुलिस अधिकारी, यदि किसी थाना प्रभारी (Police Station Incharge) के अधीनस्थ हो, तो जब्ती की सूचना तत्काल उस अधिकारी (Officer) को देगा.

(3) 1 उप-धारा (1) के तहत कार्य करने वाला प्रत्येक पुलिस अफसर अधिकार क्षेत्र (Jurisdiction) वाले मजिस्ट्रेट (Magistrate) को तुरंत जब्ती की रिपोर्ट (Seizure report) करेगा और जहां जब्त की गई संपत्ति (Confiscated property) ऐसी है कि उसे आसानी से न्यायालय (Court) में नहीं ले जाया जा सकता है, वह किसी भी व्यक्ति को उसकी हिरासत (Custody) दे सकता है. जब भी आवश्यक हो, न्यायालय के समक्ष संपत्ति को पेश करने के लिए और उसके निपटान के बारे में न्यायालय के अगले आदेशों को प्रभावी करने के लिए एक बांड वचनबद्धता (Bond commitment) के लिए निष्पादित किया जाए.

Advertisement

इसे भी पढ़ें--- CrPC Section 101: क्षेत्राधिकार से बाहर तलाशी में मिली चीजों का निपटान बताती है CrPC की धारा 101

क्या है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.

 

Advertisement
Advertisement