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CrPC Section 114: समन या वारंट के साथ होगी आदेश की प्रति, यही बताती है ये धारा

दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 114 (Section 114) में बताया गया है कि समन या वारंट के साथ उसके संबंध में जारी आदेश की प्रति भी होगी. चलिए जान लेते हैं कि सीआरपीसी की धारा 114 इस बारे में क्या बताती है?

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 समन या वारंट के साथ आदेश की प्रति से जुड़ी है ये धारा
समन या वारंट के साथ आदेश की प्रति से जुड़ी है ये धारा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • समन या वारंट के साथ आदेश की प्रति से जुड़ी है ये धारा
  • 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी
  • CrPC में कई बार हुए है संशोधन

Code of Criminal Procedure: जब कोई अदालत या मजिस्ट्रेट किसी के लिए समन या वारंट जारी करता है, तो तामील के वक्त उसके साथ समन या वारंट जारी करने वाले आदेश की प्रति भी होनी चाहिए. दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 114 (Section 114) में बताया गया है कि समन या वारंट के साथ उसके संबंध में जारी आदेश की प्रति भी होगी. चलिए जान लेते हैं कि सीआरपीसी की धारा 114 इस बारे में क्या बताती है?

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सीआरपीसी की धारा 114 (CrPC Section 114)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Proced 1973) की धारा 114 (Section 114) यह प्रावधान करती है कि समन या वारंट (Summons or warrant) के साथ उसके संबंध में जारी आदेश की प्रति (Copy of Order) भी होगी. CrPC की धारा 114 के अनुसार, धारा 114 के अधीन जारी किए गए प्रत्येक समन या वारंट के साथ धारा 111 के अधीन दिए गए आदेश (Orders made under section 111) की प्रति होगी और उस समन या वारंट की तामील या निष्पादन (Service or Execution) करने वाला अधिकारी (Officer) वह प्रति उस व्यक्ति को परिदत्त (Delivered) करेगा, जिस पर उसकी तामील की गई है या जो उसके अधीन गिरफ्तार (Arrest) किया गया है.

इसे भी पढ़ें--- CrPC Section 113: गैर-मौजूद शख्स के बारे में समन या वारंट का प्रावधान है ये धारा 

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क्या है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.

 

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