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CrPC Section 12: जानिए, क्या है सीआरपीसी की धारा 12?

सीआरपीसी की धारा 12 मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) और उनके अधीनस्थ ACJM से संबंधित है. आइए जानते हैं कि CrPC की धारा 12 (Section 12) क्या है?

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CrPC की धारा 12 CJM और ACJM से संबंधित है
CrPC की धारा 12 CJM और ACJM से संबंधित है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • CJM और ACJM से संबंधित है सीआरपीसी की धारा 12
  • नियुक्ति और तैनाती के संबंध में बताती है धारा 12
  • 1974 में लागू हुई थी सीआरपीसी

दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) यानी सीआरपीसी (CrPC) में न्यायिक प्रक्रिया (Judicial Process) से जुड़े कई पदों के संबंध में जानकारियां मौजूद हैं. ऐसे ही सीआरपीसी की धारा 12 मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Chief Judicial Magistrate) और उनके अधीनस्थ ACJM से संबंधित है. आइए जानते हैं कि CrPC की धारा 12 (Section 12) क्या है? 

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सीआरपीसी की धारा 12 (CrPC Section 12)
Code of Criminal Procedure यानी दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 12 (Section 12) में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Chief Judicial Magistrate) और अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Additional Chief Judicial Magistrate) आदि के बारे में बताती है.

(1) वो जिले जो महानगर क्षेत्र नहीं है, वहां हाई कोर्ट (High Court) एक प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट (First Class Judicial Magistrate) को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Chief Judicial Magistrate) नियुक्त करेगा.
 
(2) हाई कोर्ट (High Court) किसी प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट (First Class Judicial Magistrate) को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Additional Chief Judicial Magistrate) नियुक्त कर सकता है और ऐसे मजिस्ट्रेट को इस संहिता के अधीन या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Chief Judicial Magistrate) की सब या कोई शक्तियां होंगी, जैसा भी उच्च न्यायालय निर्देश दे. 

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(3) (क) हाई कोर्ट (High Court) ज़रुरत के लिहाज से किसी उपखंड में किसी प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट (First Class Judicial Magistrate) को उपखंड न्यायिक मजिस्ट्रेट (Sub Divisional Judicial Magistrate) के रूप में पदाभिहित कर सकता है और उसे इस धारा में विनिर्दिष्ट उत्तरदायित्वों से मुक्त कर सकता है.

(3) (ख) प्रत्येक उपखंड न्यायिक मजिस्ट्रेट (Sub Divisional Judicial Magistrate) को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Chief Judicial Magistrate) के साधारण नियंत्रण के अधीन रहते हुए उपखंड में (अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेटों से भिन्न) न्यायिक मजिस्ट्रेटों के काम पर पर्यवेक्षण और नियंत्रण की ऐसी शक्तियां भी होंगी, जैसी उच्च न्यायालय साधारण या विशेष आदेश द्वारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे और वह उनका प्रयोग करेगा.

इसे भी पढ़ें--- CrPC Section 11: जानें, क्या होती है सीआरपीसी की धारा 11? 

क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. दंड प्रिक्रिया संहिता यानी CrPC में 37 अध्याय हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं आती हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

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1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन भी किए गए है.

 

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