दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) में अदालत (Court) और प्रशासन (Administration) से जुड़ी प्रक्रिया और उनसे जुड़े प्रावधान (Provision) मौजूद हैं. सीआरपीसी (CrPC) की धारा 28 (Section 28) जो दंडादेश (Sentence) के बारे में है और इस संबंध में आदेश (Order) देने वाली अदालतों (Courts) के बारे में है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 28 (Section 28) क्या कहती है?
सीआरपीसी की धारा 28 (CrPC Section 28)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) में धारा 28 (Section 28) उस दंडादेश को परिभाषित करती है, जो उच्च न्यायालय और सेशन जज दे सकेंगे. इसमें संबंधित प्रावधान (Provision) भी बताये गए हैं. इस धारा के मुताबिक (1) उच्च न्यायालय (High Court) विधि (Law) द्वारा प्राधिकृत (Authorized) कोई दंडादेश (Sentence) दे सकता है.
(2) सेशन न्यायाधीश ( Sessions Judge) या अपर सेशन न्यायाधीश (Additional Sessions Judge) विधि (Law) द्वारा प्राधिकृत (Authorized) कोई भी दंडादेश (Sentence) दे सकता है. लेकिन उसके द्वारा दिए गए मृत्यु दंडादेश (Death sentence) के उच्च न्यायालय (High Court) द्वारा पुष्ट (confirm) किए जाने की आवश्यकता (Requirement) होगी.
(3) सहायक सेशन न्यायाधीश (Assistant Sessions Judge) मृत्यु या आजीवन कारावास (Life imprisonment) या दस वर्ष से अधिक की अवधि के लिए कारावास के दंडादेश (Sentence) के सिवाय कोई ऐसा दंडादेश दे सकता है, जो विधि द्वारा प्राधिकृत है.
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क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन भी किए गए है.