Code of Criminal Procedure यानी दंड प्रक्रिया संहिता में कोर्ट (Court), उनसे जुड़ी प्रक्रिया (Procedure) के साथ-साथ उनसे जुड़े प्रावधान (Provision) मिलते हैं. जिसमें सीआरपीसी (CrPC) की धारा 34 (Section 34) 'शक्तियों को वापस लेना' (Withdrawal of powers) बताती है. तो चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 34 (Section 34) क्या कहती है?
सीआरपीसी की धारा 34 (CrPC Section 34)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 34 (Section 34) कैसे 'शक्तियों को वापस लेना' (Withdrawal of Powers) है, यह बताती है. (1) यथास्थिति, उच्च न्यायालय (High Court) या राज्य सरकार (State Government), उन सब शक्तियों (Powers) को या उनमें से किसी को वापस ले सकती (Can take back) है जो उसने या उसके अधीनस्थ (Subordinate) किसी अधिकारी (Officer) ने किसी व्यक्ति को इस संहिता के अधीन प्रदान की हैं.
(2) मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Chief Judicial Magistrate) या जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate) द्वारा प्रदत्त किन्हीं शक्तियों (Powers) को उस मजिस्ट्रेट (Magistrate) द्वारा वापस लिया जा सकता है, जिसके द्वारा वे शक्तियां प्रदान (Provide) की गई थीं.
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क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.