दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) में कोर्ट (Court) और पुलिस (Police) से जुड़ी प्रक्रिया (Procedure) से जुड़े प्रावधान (Provision) मिलते हैं. जिसमें सीआरपीसी (CrPC) की धारा 36 (Section 36) वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की शक्तियों (Powers of superior officers of police) बताती है. तो चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 34 (Section 34) क्या कहती है?
सीआरपीसी की धारा 36 (CrPC Section 36)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 36 (Section 36) में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की शक्तियों (Powers of superior officers of police) के बारे में प्रावधान (Provision) बताये गए हैं. CrPC की धारा 36 के मुताबिक पुलिस थाने (Police station) के भारसाधक अधिकारी (Officer in charge) से पंक्ति में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी (Superior Police officer) जिस स्थानीय क्षेत्र में नियुक्त (Appointed) है, उसमें सर्वत्र, उन शक्तियों (Same Powers) का प्रयोग कर सकते हैं, जिनका प्रयोग अपने थाने की सीमाओं के अंदर (limits of police station) ऐसे अधिकारी द्वारा किया जा सकता है.
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क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.
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