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CrPC Section 39: जानें, क्या होती है सीआरपीसी की धारा 39?

सीआरपीसी (CrPC) की धारा 39 (Section 39) किसी अपराध (Crime) की सूचना दिए जाने से संबंधित है. तो चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 39 (Section 39) क्या कहती है?

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CrPC की धारा 39 का संबंध सूचना दिए जाने से है
CrPC की धारा 39 का संबंध सूचना दिए जाने से है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अपराध की सूचना दिए जाने से संबंधित है धारा 39
  • 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी
  • CrPC में कई बार हुए हैं संसोधन

Code of Criminal Procedure यानी दंड प्रक्रिया संहिता हमें कोर्ट (Court) और पुलिस (Police) से जुड़ी प्रक्रिया (Procedure) के संबंध में प्रावधान (Provision) के विषय में जानकारी देती है. सीआरपीसी (CrPC) की धारा 39 (Section 39) किसी अपराध (Crime) की सूचना दिए जाने से संबंधित है. तो चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 39 (Section 39) क्या कहती है?

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सीआरपीसी की धारा 39 (CrPC Section 39)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 39 (Section) में जनता द्वारा कुछ अपराधों (Crime) की सूचना (Information) दिए जाने के बारे में प्रावधान (Provision) बताये गए हैं. CrPC की धारा 39 के अनुसार (1) प्रत्येक व्यक्ति (Every person) जो भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) Indian Penal Code (45 of 1860) की निम्नलिखित धाराओं के अधीन दंडनीय (Punishable) किसी अपराध (Offence) के किए जाने से या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा करने के आशय (intention) से अवगत (aware) है, उचित प्रतिहेतु के अभाव में, जिसे साबित करने का भार इस प्रकार अबगत व्यक्ति पर होगा, ऐसे किए जाने या आशय की इत्तिला (report) तुरंत निकटतम मजिस्ट्रेट (Magistrate) या पुलिस अधिकारी (Police officer) को देगा. 

जिसमें IPC की धारा 121 से 126, दोनों सहित, और धारा 130, धारा 143, 144, 145, 147 और 148, धारा 161 से 165क, दोनों सहित व धारा 272 से 278, दोनों सहित और धारा 302, 303 और 304 इसके अलावा धारा 364क, धारा 382, धारा 392 से 399, दोनों सहित और धारा 402, धारा 409, धारा 431 से 439 दोनों सहित, धारा 449 और 450, धारा 456 से 460 दोनों सहित, धारा 489क से 489ङ, दोनों सहित से संबंधित अपराधों की सूचना शामिल है.

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(2) इस धारा के प्रयोजनों (Purposes) के लिए अपराध शब्द (Offence word) के अंतर्गत भारत (India) के बाहर किसी स्थान (any place out of India) में किया गया कोई ऐसा कार्य  (Act committed) भी शामिल है, जो यदि भारत में किया जाता तो अपराध होता.

इसे भी पढ़ें--- CrPC Section 38: जानिए, क्या होती है सीआरपीसी की धारा 38? 

क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.

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