Code of Criminal Procedure यानी दंड प्रक्रिया संहिता हमें कोर्ट (Court) और पुलिस (Police) से जुड़ी प्रक्रिया (Procedure) के संबंध में प्रावधान (Provision) के विषय में जानकारी देती है. सीआरपीसी (CrPC) की धारा 40 (Section 40) ग्राम (Village) के मामलों के संबंध (the affairs of a village) में नियोजित अधिकारियों (Employed officers) की ड्यूटी से संबंधित है. तो चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 40 (Section 40) क्या कहती है?
सीआरपीसी की धारा 40 (CrPC Section 40)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 40 (Section) हमें ग्राम (Village) के मामलों के संबंध (the affairs of a village) में नियोजित अधिकारियों (Employed officers) के कतिपय रिपोर्ट (Certain report) करने का कर्तव्य (Duty) समझाती है.
(1) किसी ग्राम के मामलों (Village affairs) के संबंध में नियोजित प्रत्येक अधिकारी (Every officer) और ग्राम (village) में निवास करने वाला प्रत्येक व्यक्ति, निकटतम मजिस्ट्रेट (Nearest Magistrate) को या निकटतम पुलिस थाने (Police Station) के भारसाधक अधिकारी (officer in charge) को, जो भी निकटतर हो, कोई भी जानकारी (information) जो उसके पास निम्नलिखित के बारे में हो, तत्काल संसूचित करेगा.
(क) ऐसे ग्राम में या ऐसे ग्राम के पास किसी ऐसे व्यक्ति की सूचना फौरन देगा, जो चुराई हुई संपत्ति (Stolen property) का कुख्यात प्रापक या विक्रेता (Notorious receiver or vendor) है. वह चाहे वहां का स्थाई या अस्थाई निवासी (Permanent or temporary) निवासी हो.
(ख) ऐसे किसी व्यक्ति की सूचना भी देगा, जो ठग (thug), लटेरा (Robber), निकल भागा सिद्धृदोष (Escaped convict) या उद्घोषित अपराधी हो, और सूचना देने वाला उसके बारे में जानता हो या जिस पर उसे ऐसा होने का उचित संदेह (reasonably suspects) हो. करता है, ऐसे ग्राम (such village) के किसी भी स्थान पर उसका आना-जाना हो. इसके अतिरिक्त इसमें आईपीसी (IPC) की धाराओं (Sections) से संबंधित कई बिंदु भी शामिल है.
(2) इस धारा (Section) में ग्राम (village) के अंतर्गत ग्राम-भूमियां (village-lands) भी हैं. ग्राम के मामलों (village affairs) के संबंध में नियोजित प्रत्येक अधिकारी (Every employed officer) शब्द से अभिप्राय ग्राम पंचायत का कोई सदस्य है और इसके अंतर्गत ग्रामीण और प्रत्येक ऐसा अधिकारी या अन्य व्यक्ति भी है, जो ग्राम के प्रशासन (Village Administration) के संबंध में किसी कृत्य का पालन (perform an act) करने के लिए नियुक्त (appoint) किया गया है.
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क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.
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