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CrPC Section 48: अपराधी का पीछा कर गिरफ्तार करने का अधिकार देती है सीआरपीसी की धारा 48

सीआरपीसी (CrPC) की धारा 48 (Section 48) में पुलिस अधिकारी को इस बात का अधिकार मिलता है कि वो किसी अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए देश के किसी भी कोने में बिना वारंट जा सकता है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 48 क्या समझाती है?

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सीआरपीसी की धारा 48
सीआरपीसी की धारा 48
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अधिकारिता क्षेत्र से संबंधित है CrPC की धारा 48
  • 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी
  • CrPC में कई बार हुए हैं संशोधन

Code of Criminal Procedure यानी दंड प्रक्रिया संहिता में न्यायलय (Court), न्यायिक अधिकारियों (judicial officers) और पुलिस (Police) की कार्य प्रणाली (modus operandi) के बारे में परिभाषाएं मिलती हैं. सीआरपीसी (CrPC) की धारा 48 (Section 48) में पुलिस अधिकारी को इस बात का अधिकार मिलता है कि वो किसी अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए देश के किसी भी कोने में बिना वारंट जा सकता है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 48 क्या समझाती है?

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सीआरपीसी की धारा 48 (CrPC Section 48)

दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 48 (Section 48) में अधिकारिता क्षेत्र (jurisdiction) से बाहर जाकर अपराधियों (offender) का पीछा और गिरफ्तारी करने संबंधी प्रावधान (Provision) परिभाषित (defined) किया गया है. CrPC की धारा 48 के अनुसार पुलिस अधिकारी (Police Officer) ऐसे किसी व्यक्ति को जिसे गिरफ्तार (arrest) करने के लिए वह प्राधिकृत (authorised) है, वारंट (warrant) के बिना गिरफ्तार (arrest) करने के प्रयोजन (purpose) से भारत के किसी भी स्थान (any place) में उस व्यक्ति का पीछा कर सकता है.

इसे भी पढ़ें--- CrPC Section 47: वॉन्टेड, तलाश और गिरफ्तारी से संबंधित है सीआरपीसी की धारा 47 

क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

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1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.

 

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