दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) में न्यायालय (Court) और पुलिस (Police) के काम करने की प्रक्रिया (Process) के बारे में जानकारी (information) मिलती है. इसी कड़ी में सीआरपीसी (CrPC) की धारा 49 (Section 49) की बात की जाए तो यह उस स्थान की तलाशी (Search of place) के बारे में है, जहां कोई ऐसा वांछित शख्स (wanted man) दाखिल हुआ हो, आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 49 के प्रावधान (Provisions) और नियम (Rules) क्या हैं?
सीआरपीसी की धारा 49 (CrPC Section 49)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 49 (Section 49) में 'अनावश्यक अवरोध न करने' (No unnecessary restraint) से संबंधित प्रावधान (Provisions) के बारे में बताया गया है. CrPC की धारा 49 के अनुसार 'गिरफ्तार (arrested) किए गए व्यक्ति को उससे अधिक अवरुद्ध (more restraint) न किया जाएगा, जितना उसको निकल भागने से रोकने (prevent his escape) के लिए आवश्यक (necessary) है.'
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क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.
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