scorecardresearch
 

CrPC Section 55: बिना वारंट गिरफ्तारी के लिए अधीनस्थ की प्रतिनियुक्त को बताती है ये धारा

सीआरपीसी (CrPC) की धारा 54 (Section 54) में “गिरफ्तार व्यक्ति (arrested person) की चिकित्सा अधिकारी (medical officer) द्वारा परीक्षा“ किए जाने के प्रावधान (provisions) के बारे में बताया गया है. तो चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 54 क्या कहती है?

Advertisement
X
CrPC की धारा बिना वारंट गिरफ्तारी के लिए अधीनस्थ की प्रतिनियुक्त से जुड़ी है
CrPC की धारा बिना वारंट गिरफ्तारी के लिए अधीनस्थ की प्रतिनियुक्त से जुड़ी है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिना वारंट गिरफ्तारी से जुड़ी है CrPC की धारा 55
  • 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी
  • CrPC में कई बार हुए है संशोधन

Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धाराओं (Sections) में अदालत (Court) और पुलिस (Police) के काम करने की प्रक्रिया (Process) के बारे में जानकारी (information) मिलती है. इसी प्रकार से सीआरपीसी (CrPC) की धारा 55 (Section 55) में पुलिस अधिकारी (Police officer) वारंट के बिना गिरफ्तारी (arrest without warrant) करने के लिए अपने अधीनस्थ (subordinate) को प्रतिनियुक्त करता है. इसके प्रावधान (provisions) यहां बताए गए हैं. तो चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 55 क्या कहती है?

Advertisement

सीआरपीसी की धारा 55 (CrPC Section 55)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 55 (Section 55) में उस प्रकिया को परिभाषित (define process) किया गया है, जिसमें पुलिस अधिकारी (Police officer) वारंट के बिना गिरफ्तारी (arrest without warrant) करने के लिए अपने अधीनस्थ (subordinate) को प्रतिनियुक्त (depute) करता है. इस प्रक्रिया का प्रावधान (provisions) सीआरपीसी (CrPC) की धारा 55 में ही किया गया है. CrPC की धारा 55 के मुताबिक-

(1) जब अध्याय 12 (Chapter 12) के अधीन अन्वेषण (investigation) करता हुआ कोई पुलिस थाने (Police Station) का भारसाधक अधिकारी (officer in charge), या कोई पुलिस अधिकारी (Police Officer), अपने अधीनस्थ (subordinate) किसी अधिकारी (officer) से किसी ऐसे व्यक्ति को जो वारंट के बिना विधिपूर्वक (lawfully) गिरफ्तार (arrest) किया जा सकता है, वारंट के बिना (without a warrant) गिरफ्तार करने की अपेक्षा करता है, तब वह उस व्यक्ति का जिसे गिरफ्तार किया जाना है और उस अपराध (offense) का या अन्य कारण का (any other cause), जिसके लिए गिरफ्तारी की जानी है, विनिर्देश करते हुए लिखित आदेश (written order) उस अधिकारी को परिदत्त (delivered) करेगा. जिससे यह अपेक्षा है कि वह गिरफ्तारी करे और इस प्रकार अपेक्षित अधिकारी (requisite officer) उस व्यक्ति को, जिसे गिरफ्तार करना है, उस आदेश का सार गिरफ्तारी करने के पूर्व सूचित करेगा और यदि वह व्यक्ति अपेक्षा करे तो उसे वह आदेश दिखा देगा.
 
(2) उपधारा (1) sub- section (1) की कोई बात किसी पुलिस अधिकारी (any police officer) की धारा 41 के अधीन किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने की शक्ति पर प्रभाव (effect on power) नहीं डालेगी.

Advertisement

इसे भी पढ़ें--- CrPC Section 54: गिरफ्तार आरोपी का मेडिकल टेस्ट करेगा चिकित्सा अधिकारी, यही बताती है ये धारा 

क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.

 

Advertisement
Advertisement